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Delhi News: बुराड़ी में DDA की कार्यवाही से लोगों में दहशत, 2 दिन में खाली करने का अल्टीमेटम

Demolition drive in Burari: बुराड़ी में डीडीए ने अवैध माकानों के ऊपर डिमोलिशन के नोटिस चस्पा दिए है. प्राधिकरण का कहना है कि दो दिन का समय सभी को दिया गया है. दो दिन बाद यहां कार्यवाही होगी.

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Delhi News: बुराड़ी में DDA की कार्यवाही से लोगों में दहशत, 2 दिन में खाली करने का अल्टीमेटम
Delhi News: बुराड़ी में DDA की कार्यवाही से लोगों में दहशत, 2 दिन में खाली करने का अल्टीमेटम
Zee News Desk|Updated: May 28, 2025, 02:02 PM IST
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Delhi Development Authority: दिल्ली के बुराड़ी स्थित केशव नगर गढ़ी खुसरो इलाके में DDA (दिल्ली विकास प्राधिकरण) की ओर से डिमोलिशन की कार्यवाही शुरू कर दी गई है. बीती रात इलाके में 100 से ज्यादा घरों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं, जिसमें दो दिन के अंदर मकान खाली करने का आदेश दिया गया है. इस अचानक हुई कार्यवाही से इलाके के लोग घबराए हुए हैं और उनके सिर से छत छिनने का डर मंडराने लगा है.

DDA की तरफ से लगाए गए इन नोटिसों में उस जमीन का कोई खसरा नंबर नहीं दिया गया है, जिस पर डिमोलिशन होना है. ऐसे में लोगों को यह समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर किन जमीनों पर कार्यवाही की जा रही है और किन मकानों को तोड़ा जाना है. खास बात ये है कि जिन मकानों पर नोटिस चस्पा किया गया है, उनमें से कई निजी जमीन पर बने हुए हैं. फिर भी DDA द्वारा बिना कोई स्पष्ट जानकारी दिए नोटिस चस्पा करना स्थानीय लोगों के लिए चिंता का कारण बन गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वे पिछले 10 सालों से यहां रह रहे हैं और कभी किसी ने उन्हें नहीं बताया कि उनकी जमीन पर कोई सरकारी निर्माण होगा या उनका घर अवैध है. अब अचानक रातों-रात डिमोलिशन का नोटिस मिलने से उन्हें बड़ा झटका लगा है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर यह सरकारी योजना है तो पहले जानकारी क्यों नहीं दी गई. आखिर अचानक उनकी निजी जमीन पर यह कार्रवाई कैसे की जा सकती है.

बताया जा रहा है कि दिल्ली के मास्टर प्लान 2041 के तहत इस इलाके से होकर 80 मीटर चौड़ा UER-3 रोड निकाला जाना है. लेकिन जिन इलाकों में नोटिस चस्पा किए गए हैं, वे उस प्रस्तावित सड़क से काफी दूरी पर हैं. ऐसे में लोगों को डर है कि अब DDA अपनी मनमर्जी से किसी भी जमीन को सरकारी बताकर तोड़फोड़ कर सकता है. स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें सुना जाए और उनकी निजी जमीनों पर कोई कार्यवाही न की जाए. लोगों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

इनपुट- नसीम अहमद

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