Keshav Nagar: दिल्ली के केशव नगर गढ़ी खु्सरो इलाके में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा लगाए गए नोटिस के अनुसार आज घर खाली करने का आखिरी दिन है. कुछ लोग तो पहले ही अपना आशियाना छोड़ चुके हैं, लेकिन कई परिवार अब भी अपने घरों में डटे हुए हैं. उनका कहना है कि जिस घर को उन्होंने सालों की मेहनत से तिनका-तिनका जोड़कर बनाया है उसे वे ऐसे ही तोड़ने नहीं देंगे.
जानकारी के लिए बता दें कि यहां कई परिवार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी सड़क किनारे गुजारकर, आंधी-तूफान, बारिश और जलभराव झेलकर और कर्ज लेकर अपना छोटा-सा घर बसाया. अब वही घर DDA की डिमोलेशन कार्रवाई की जद में आ चुका है. एक महिला रोते हुए कहती है कि हम गरीब हैं लेकिन दिल से अमीर हैं क्योंकि हमारे पास मेहनत से बनाया गया ये छोटा सा घर है. अगर सरकार इसे छीन लेगी, तो हमारे पास कुछ भी नहीं बचेगा.
20 साल की मेहनत पर चलने वाला बुलडोजर
एक पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्होंने 20 साल फुटपाथ पर गुजारे. गांव से कर्ज लेकर 25 गज की जमीन पर घर बनाया. अब जब जिंदगी थोड़ा ठीक होने लगी थी, तभी घर टूटने की नौबत आ गई है. उनका कहना है कि सरकार तोड़ने से पहले रहने का इंतजाम और मुआवजा क्यों नहीं देती.
60 साल की सेवा का ये इनाम
भागराज शर्मा नाम के बुज़ुर्ग ने बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी के 60 साल DDA की सेवा में लगा दिए. रिटायरमेंट में मिली रकम से उन्होंने एक छोटा सा घर बसाया जो अब DDA खुद तोड़ने को तैयार है. इस सदमे से उनकी तबीयत भी बिगड़ गई है. हार्ट और किडनी की बीमारी से जूझ रहे भागराज आज अस्पताल में हैं. साथ ही लोगों का गुस्सा अब DDA के खिलाफ फूटने लगा है. कुछ लोगों ने तो यह तक कह दिया है कि अगर घर तोड़ा गया तो वे आत्महत्या कर लेंगे.
इनपुट- नसीम अहमद
ये भी पढ़िए- AAP vs BJP: दिल्ली में बीजेपी सरकार के 100 दिन पूरे, AAP ने पेश किया 'फेलियर कार्ड'