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Delhi News: लाजपत नगर बम धमाके में 28 साल से फरार आरोपी की 15 दिन पहले हुई थी गिरफ्तारी, मिली जमानत

Delhi Hindi News: 1996 लाजपत नगर विस्फोट मामला में 28 साल बाद गिरफ्तार किए गए आरोपी को कोर्ट जमानत दे दी है. इसे साल 1997 में कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया था और इसकी गिरफ्तारी 15 दिन पहले ही हुई थी. 

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Delhi News: लाजपत नगर बम धमाके में 28 साल से फरार आरोपी की 15 दिन पहले हुई थी गिरफ्तारी, मिली जमानत
Renu Akarniya|Updated: Jul 24, 2024, 07:58 PM IST
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Delhi News: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट साल 1996 लाजपत नगर विस्फोट मामला में 28 साल बाद गिरफ्तार किए गए आरोपी को जमानत दे दी है. 19 फरवरी 1997 में आरोपियों को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया और 9 जुलाई 2024 को गिरफ्तार कर लिया गया. जम्मू कश्मीर इस्लामिक फ्रंट ने धमाकों की जिम्मेदारी ली थी. बम धमाक में 13 लोग मारे गए थे और 38 घायल हो गए थे. 

एडिशनल सेशन जज हरदीप कौर ने जम्मू-कश्मीर निवासी मेहराजुद्दीन भट को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और उसके परिवार के सदस्यों से इतनी ही राशि की दो जमानत राशि पर राहत दी. आवेदक का नाम आरोपी फरीदा डार और लतीफ अहमद वाजा है. जज ने कहा कि पूछे जाने पर जांच अधिकारी (आईओ) ने कहा कि सह-आरोपी फरीदा डार और लतीफ अहमद वाजा से पूछताछ में रिकॉर्ड पर कुछ भी आपत्तिजनक नहीं आया. न्यायाधीश ने 23 जुलाई को पारित एक आदेश में आगे कहा कि जहां फरीदा डार को पहले साजिश के आरोप से बरी कर दिया गया था, वहीं वाजा को उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था.

उन्होंने कहा कि आरोपी 1989 से इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, नटिपोरा में प्लंबर के रूप में एक स्थायी कर्मचारी था. उन्होंने बताया कि न्यायाधीश ने आरोपी को आईओ को अपना सेलफोन नंबर प्रदान करने का निर्देश दिया, जिसके माध्यम से किसी भी समय उससे संपर्क किया जा सके और उसे यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि नंबर हर समय सक्रिय और चालू रखा जाए.

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जज ने कहा कि आरोपी कोर्ट की अनुमति के बिना देश से बाहर यात्रा नहीं करेगा. आरोपी अभियोजन पक्ष के किसी गवाह या मामले के तथ्यों से परिचित अन्य व्यक्तियों से संपर्क नहीं करेगा, न ही उनसे मिलने जाएगा, न ही कोई प्रलोभन, धमकी या वादा करेगा. इसी के साथ उन्होंने कहा कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा. 

मेहराजुद्दीन के वकील ने कहा कि आरोपी निर्दोष है और उसके भागने का खतरा नहीं है. वर्तमान मामले में 17 आरोपियों में से चार को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है, छह को बरी कर दिया गया है, छह को पीओ घोषित किया गया था और एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है.

बता दें कि 21 मई 1996 को शाम करीब 6:30 बजे सेंट्रल मार्केट, लाजपत नगर में एक बम धमाका हुआ था. विस्फोट में 13 लोग मारे गए, 83 घायल हो गए, आठ कारें जल गईं और 14 इमारतों को भारी नुकसान हुआ. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर इस्लामिक फ्रंट (जेकेआईएफ) के आतंकवादियों ने हमले की जिम्मेदारी ली थी. पुलिस ने आरोप लगाया था कि आवेदक साजिश का हिस्सा था.

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