Delhi News: दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में उनकी भूमिका की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने के बाद आप ने उनसे इस्तीफा देने की मांग की.
दिल्ली AAP अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भी पुलिस से मंत्री को गिरफ्तार करने की मांग की, उन्होंने दावा किया कि उनकी भूमिका के सबूत पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं. भारद्वाज ने कहा, कपिल मिश्रा को इस्तीफा दे देना चाहिए और गिरफ्तार किया जाना चाहिए क्योंकि अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में 2020 के दंगों में उनकी कथित भूमिका की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. नैतिकता के लिए मिश्रा को पद छोड़ देना चाहिए और उन्हें भी अन्य आरोपियों की तरह गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
आप नेता ने दावा किया कि अदालत में चार वीडियो चलाए गए, जिनमें से पहले वीडियो में मिश्रा को दिखाया गया है. उन्होंने कहा, कपिल मिश्रा को दिल्ली पुलिस के डीसीपी के साथ खड़े देखा जा सकता है और उनके आसपास खड़े अन्य पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में देखा जा सकता है, जब वह नफरत भरा भाषण दे रहे थे. आरोप है कि उनके भाषण के बाद पथराव और दंगे शुरू हो गए. अदालत ने दिल्ली पुलिस को मामले की अगली सुनवाई की तारीख 16 अप्रैल तक मामले में "अनुपालन रिपोर्ट" दाखिल करने का निर्देश दिया.
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बता दें कि नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन के बाद 24 फरवरी 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
यह आदेश यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास द्वारा दायर एक आवेदन पर आया, जिसमें मिश्रा पर मामला दर्ज करने की मांग की गई थी. दिल्ली पुलिस ने याचिका का विरोध किया और कहा कि दंगों में मिश्रा की कोई भूमिका नहीं थी. पुलिस ने याचिका पर बहस के दौरान अदालत को बताया कि मिश्रा पर दोष मढ़ने के लिए एक योजना" बनाई जा रही है.