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Delhi News: AAP नेता सत्येंद्र जैन और 7 करोड़ का क्या है नया मामला, FIR हुई दर्ज

आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. हाल ही में, दिल्ली की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने उनके खिलाफ एक नई एफआईआर दर्ज की है.

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Delhi News: AAP नेता सत्येंद्र जैन और 7 करोड़ का क्या है नया मामला, FIR हुई दर्ज
Renu Akarniya|Updated: Mar 19, 2025, 03:22 PM IST
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Delhi News: आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. हाल ही में, दिल्ली की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने उनके खिलाफ एक नई एफआईआर दर्ज की है. यह मामला 571 करोड़ रुपए के सीसीटीवी प्रॉजेक्ट से संबंधित है, जिसमें उन पर 7 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. 

दिल्ली सीसीटीवी प्रॉजेक्ट स्कैम
दिल्ली सरकार ने सभी 70 विधानसभा सीटों पर कुल 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 571 करोड़ रुपए के प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी थी. इस प्रॉजेक्ट का ठेका भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) को दिया गया था. हालांकि, सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल करने में देरी के कारण कंपनी पर 16 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था. 

सत्येंद्र जैन पर रिश्वत का आरोप
आरोप है कि सत्येंद्र जैन ने 7 करोड़ रुपए की रिश्वत लेकर यह जुर्माना माफ कर दिया. एसीबी के जॉइंट कमिश्नर मधुर वर्मा ने बताया कि यह मामला सबसे पहले एक न्यूज आर्टिकल के माध्यम से सामने आया था. इसमें कहा गया था कि प्रॉजेक्ट के नोडल ऑफिसर जैन को रिश्वत देने की व्यवस्था की गई थी. 

जांच की प्रक्रिया
एसीबी ने आरोपों की सत्यता की जांच के लिए बीईएल के एक अधिकारी से पूछताछ की. इस दौरान, उन्होंने आरोपों का समर्थन करते हुए विस्तृत शिकायत भी दी. 23 अगस्त 2019 को मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सीसीटीवी कैमरा लगाने में हुई देरी के लिए दिल्ली सरकार ने बीईएल पर 16 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था. 

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कैमरों का ठेका
शिकायत के अनुसार, न सिर्फ 16 करोड़ रुपए माफ किए गए, बल्कि 1.4 लाख अतिरिक्त कैमरे लगाने के लिए भी बीईएल से समझौता किया गया. शिकायतकर्ता ने बताया कि 7 करोड़ की रिश्वत उसी ठेकेदार के जरिए दी गई, जिसे अतिरिक्त कैमरे लगाने का ठेका मिला. 

AAP नेता पर लगा घटिया कार्यप्रणाली का आरोप
एसीबी के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने कहा कि पूरे प्रॉजेक्ट को घटिया तरीके से अंजाम दिया गया और पीडब्ल्यूडी को सौंपे जाने के समय कई कैमरे खराब थे. एसीबी ने कहा है कि केस चलाने के लिए मंजूरी पहले ही ली जा चुकी है. इस मामले में सत्येंद्र जैन की स्थिति और भी कठिन होती जा रही है, और उनके खिलाफ कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है.

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