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Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में भाजपा खेल सकती है नए चेहरों पर दांव, जानें क्या हो सकता है प्लान

दिल्ली के चुनावी दंगल में भाजपा इस बार नए प्रत्याशियों पर दांव लगाने की योजना बना रही है. लगातार विधानसभा चुनावों में हार का सामना कर रहे नेताओं को इस बार चुनावी मैदान से बाहर रखा जाएगा.

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Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में भाजपा खेल सकती है नए चेहरों पर दांव, जानें क्या हो सकता है प्लान
Deepak Yadav|Updated: Nov 18, 2024, 08:40 AM IST
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Delhi Assembly Election: दिल्ली के चुनावी दंगल में भाजपा इस बार नए प्रत्याशियों पर दांव लगाने की योजना बना रही है. लगातार विधानसभा चुनावों में हार का सामना कर रहे नेताओं को इस बार चुनावी मैदान से बाहर रखा जाएगा. यह निर्णय भाजपा के बदले हुए जातीय समीकरणों के आधार पर लिया गया है, जिससे पार्टी ने अपने टिकट वितरण की रणनीति को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.  

नए चेहरों की तलाश
भाजपा काफी सालों से दिल्ली की सत्ता से बाहर है. पहले कांग्रेस और फिर आम आदमी पार्टी (आप) ने उसे सत्ता से दूर रखा है. इस बार भाजपा निगम चुनाव में भी आप से हार गई थी.ऐसे में पार्टी ने समय से चुनावी रणनीति बनाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है.

चुनावी समितियों का गठन
भाजपा ने विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए प्रदेश चुनाव समिति और घोषणापत्र समिति का ऐलान कर दिया है. दिल्ली के सभी प्रमुख नेताओं को इसमें शामिल करने का प्रयास किया गया है. पार्टी अब दूसरे दलों के बड़े नेताओं पर भी नजर रख रही है. इससे यह संकेत मिलता है कि भाजपा बाहरी प्रत्याशियों पर दांव लगाने की योजना बना रही है. 

दिग्गज नेताओं की वापसी
भाजपा अपने पुराने दिग्गजों को भी मैदान में उतारने की योजना बना रही है. दक्षिणी दिल्ली से सांसद रहे रमेश बिधूड़ी और पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इसके साथ ही, पार्टी में पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे दिग्गजों पर भी दांव लगाने की संभावना है.

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जातीय समीकरण का महत्व
विधानसभा चुनाव के लिए हुए सर्वे में कई सीटों पर जातीय समीकरण बदले हुए नजर आए हैं. प्रवासी आबादी दिल्ली में लगातार बढ़ रही है, और भाजपा इसी आधार पर अपनी रणनीति बनाने में जुटी है. ऐसे में कई सीटों पर उम्मीद से हटकर प्रत्याशी देखने को मिल सकते हैं. पार्टी अपने टिकट वितरण में जातीय समीकरण का ध्यान रखने का निर्णय ले चुकी है. 

 पुराने नेताओं का भी महत्व
भाजपा लगातार हार रहे नेताओं को चुनावी मैदान में नहीं उतारने का निर्णय ले चुकी है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, नए चेहरों पर प्रयोग किया जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी भी राजनीति में नए चेहरों की वकालत करते रहे हैं. दिल्ली चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है.

चुनावी माहौल का निर्माण
रणनीतिकार मानते हैं कि बड़े नेताओं को लड़ाने से उनकी सीट पर माहौल बनेगा. इसके चलते कुछ सीटों पर दिग्गजों को उतारने पर भी विचार चल रहा है. यह भाजपा की चुनावी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है. 

घोषणापत्र की तैयारी
भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार, पार्टी दिसंबर के मध्य तक विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर सकती है. रविवार को पार्टी नेताओं ने यह जानकारी दी.

समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद
दिल्ली भाजपा की चुनाव समन्वय समिति और घोषणापत्र समिति की पहली बैठक पार्टी कार्यालय में हुई. संयोजक रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि घोषणापत्र समिति समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बैठकें शुरू करेगी. इसमें लगभग 50 श्रेणियों के लोगों को शामिल करने का लक्ष्य है, ताकि एक व्यापक घोषणापत्र तैयार किया जा सके.

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