Delhi News: दिल्ली पुलिस ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के तहत 21 बांग्लादेशी नागरिकों को देश से वापस भेजा. इसके साथ ही, पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन ट्रांसजेंडर व्यक्ति भी शामिल हैं. ये सभी महेंद्र पार्क क्षेत्र में अवैध रूप से निवास कर रहे थे और भिक्षा मांगने तथा अन्य अवैध गतिविधियों में संलग्न थे.
उत्तर पश्चिम दिल्ली के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि, हमारी टीम लंबे समय से अवैध प्रवासियों पर काम कर रही है. इस अभियान के तहत, हमने 21 अवैध बांग्लादेशियों को निष्कासित किया है. दो मामले दर्ज किए गए हैं और पांच बांग्लादेशियों को भी गिरफ्तार किया है, जिसमें से तीन ट्रांसजेंडर बांग्लादेशी शामिल है. उनका मुख्य कार्य ट्रैफिक सिग्नल पर भिक्षा मांगना और कई अवैध गतिविधियों में शामिल होना है.
डीसीपी भीष्म सिंह ने आगे बताया, इनमें से किसी का भी भारत में आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है. वे ट्रेन के माध्यम से सीमा पार करके बांग्लादेश आए थे. इनमें से एक अवैध बांग्लादेशी एक भारतीय के साथ फेसबुक के माध्यम से संपर्क में थी. वह भारत आने के बाद उसके साथ लिव-इन रिश्ते में थी. अन्य दो भी उसी क्षेत्र में रहीं.
उत्तर पश्चिम जिला पुलिस के विदेशी सेल ने महेंद्र पार्क क्षेत्र में अवैध रूप से रह रही तीन बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया. यह कार्रवाई लगातार निगरानी और सटीक तकनीकी विश्लेषण का परिणाम थी. अधिकारियों ने एक विश्वसनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई की, जिसमें एक संदिग्ध द्वारा पोस्ट की गई फेसबुक रील शामिल थी. इस रील में एक स्थानीय आइसक्रीम की गाड़ी थी, जिसने पास की इमारतों को अनजाने में उजागर कर दिया.
पुलिस ने इस सुराग का उपयोग करते हुए लगभग 50 गलियों की खोजबीन की. 15 मई की सुबह एक जाल बिछाया गया, जिसके परिणामस्वरूप मुख्य संदिग्ध, जो ट्रांसजेंडर के रूप में पहचान बना रही थी और जिसे स्थानीय रूप से दीपिका के नाम से जाना जाता था, उसको गिरफ्तार किया गया.
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डीसीपी के अनुसार, "उसने एक भारतीय पुरुष के साथ फेसबुक के माध्यम से एक रोमांटिक संबंध विकसित करने की बात स्वीकार की, जिसने बाद में उसे पश्चिम बंगाल सीमा के माध्यम से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने में मदद की. इसके बाद वे दिल्ली आए और एक किराये के मकान में रहने लगे.
अधिक जानकारी के आधार पर, दो और बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया. दोनों महिलाओं ने शुरू में भारतीय नागरिक होने का दावा किया, लेकिन उनके बयानों में विसंगतियां और उनके सामान की जांच ने सच्चाई को उजागर किया. अधिकारियों ने दो स्मार्टफोन भी बरामद किए, जिनमें प्रतिबंधित IMO एप्लिकेशन था, जिसका उपयोग वे बांग्लादेश में अपने परिवारों के साथ संपर्क में रहने के लिए कर रहे थे.
सभी तीन महिलाओं ने स्वीकार किया कि उन्होंने हिली और बेनापुर क्षेत्रों के माध्यम से अवैध रूप से सीमा पार की थी. वे ट्रेन से दिल्ली आई थीं और भारतीय भागीदारों के साथ लिव-इन रिश्तों में झूठी पहचान के तहत रह रही थीं. संदिग्धों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO), आरके पुरम में निष्कासन प्रक्रिया के लिए भेजा गया है. आगे की जांच जारी है ताकि उन व्यक्तियों को ढूंढा जा सके जिन्होंने भारत में उनकी मदद की हो.