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Arvind Kejriwal: 29 करोड़ का रखरखाव या भ्रष्टाचार? BJP ने खोली केजरीवाल के 'फाइव स्टार' रहन-सहन की पोल

Arvind Kejriwal Corruption Allegations: आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब के मुताबिक 6- फ्लैग स्टाफ रोड स्थित केजरीवाल के पुराने सरकारी घर पर सात सालों में मामूली मरम्मत जैसे बिजली, सीवर, लकड़ी के काम और टूट-फूट सुधार पर काफी ज्यादा खर्च हुआ. जानकारी के अनुसार हर साल औसतन करीब 3.69 करोड़ रुपये सिर्फ इन कामों पर खर्च किए गए.

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Arvind Kejriwal: 29 करोड़ का रखरखाव या भ्रष्टाचार? BJP ने खोली केजरीवाल के 'फाइव स्टार' रहन-सहन की पोल
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Apr 05, 2025, 06:46 PM IST
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Arvind Kejriwal News: दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर तीखी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इस बार बहस का केंद्र है पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सरकारी आवास और उस पर हुए कथित लगभग 30 करोड़ रुपये के रखरखाव खर्च. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और कहा कि केजरीवाल ने 'सादगी की राजनीति' के नाम पर जनता को धोखा दिया और अपने सरकारी आवास को 'शीश महल' बना दिया.

सादगी के पीछे ऐशोआराम का जीवन
सचदेवा ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि जिस नेता ने खुद को आम आदमी का प्रतिनिधि बताया, वह असल में शाही अंदाज में रह रहा था. सरकारी पैसे से केजरीवाल ने अपने बंगले को पांच सितारा सुविधा से लैस करवा रखा था. उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2015 से 2022 के बीच 6- फ्लैग स्टाफ रोड स्थित केजरीवाल के सरकारी आवास पर करीब 29.56 करोड़ रुपये सिर्फ रखरखाव और मरम्मत पर खर्च हुए. यह खुलासा महाराष्ट्र के एक नागरिक द्वारा डाली गई आरटीआई (RTI) से हुआ, जिसका जवाब दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2023 में दिया. सचदेवा ने तंज कसते हुए कहा कि अगर शाहजहां आज जिंदा होते, तो शायद ताजमहल पर भी इतना पैसा खर्च नहीं होता जितना केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास पर करवाया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि इतने खर्च में दिल्ली में जरूरतमंद लोगों के आवासीय मकान बनाए जा सकते हैं. 

हर साल 3.69 करोड़ रुपये का खर्च
भाजपा अध्यक्ष के मुताबिक आरटीआई से मिले आंकड़ों के अनुसार सात वर्षों में हुए खर्च को अगर औसतन देखा जाए तो हर साल लगभग 3.69 करोड़ रुपये सिर्फ मरम्मत और रखरखाव में खर्च हुए. इन खर्चों में सामान्य टूट-फूट से लेकर सीवर, बिजली, और बढ़ईगिरी के कार्य शामिल हैं. यह राशि दिल्ली जैसे शहर में एक नए बंगले के निर्माण लागत से भी अधिक बताई जा रही है.

सचदेवा का AAP पर सीधा हमला
वीरेंद्र सचदेवा ने इसे केवल आर्थिक मुद्दा न मानते हुए इसे नीति और नैतिकता का सवाल बताया. उन्होंने कहा कि जो पार्टी भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची के खिलाफ बनी थी, वही आज जनता के पैसों पर ऐश कर रही है. उन्होंने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि क्या यही है वह ईमानदार राजनीति जिसकी बात की जाती है. जब जनता महंगाई से जूझ रही थी, तब उनके टैक्स के पैसे से केजरीवाल अपने बंगले की लकड़ी, वायरिंग और सजावट पर करोड़ों खर्च कर रहे थे.

चुप क्यों हैं केजरीवाल
भाजपा ने सवाल उठाया कि केजरीवाल इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं. सचदेवा ने कहा कि वो लंबे समय से मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं. जनता जानना चाहती है कि हर महीने करीब 31 लाख रुपये के मरम्मत कार्य आखिर उनके बंगले में किस तरह के होते थे. भाजपा का कहना है कि यह मुद्दा केवल एक नेता के घर का नहीं है, बल्कि यह जनता की गाढ़ी कमाई के दुरुपयोग का मामला है.

'दोहरे चरित्र और अंदरूनी भ्रष्टाचार का प्रतीक है AAP'
भाजपा ने यह साफ कर दिया है कि वह इस मुद्दे को केवल एक आरटीआई के दस्तावेज तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि इसे जनता के बीच लेकर जाएगी. प्रेस वार्ता में भाजपा के दिल्ली मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर, प्रवक्ता डॉ. अनिल गुप्ता और शुभेंदु शेखर अवस्थी भी मौजूद थे. इन नेताओं ने एक स्वर में कहा कि यह खुलासा आम आदमी पार्टी के दोहरे चरित्र और अंदरूनी भ्रष्टाचार का प्रतीक है. अब देखना दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी और खुद अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे पर क्या सफाई देते हैं. क्या वह सामने आकर आंकड़ों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे या भाजपा को इसे एक बड़ा चुनावी हथियार बनाने का मौका देंगे. फिलहाल भाजपा ने बड़ा मुद्दा उछाल दिया है, जो आने वाले दिनों में दिल्ली की सियासत को नई दिशा दे सकता है. 

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