CM Rekha Gupta: दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक का गवाह बना. बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान आप विधायक और मंत्रियों के बीच कई बार बहस हुई, जिससे सदन का माहौल गरमाया रहा. विपक्ष की नेता आतिशी और मंत्री आशीष सूद के बीच झुग्गी बस्तियों की हालत को लेकर तीखी बहस हुई, वहीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की गैरमौजूदगी पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए.
झुग्गी बस्तियों पर घमासान
सत्र के दौरान आप विधायक आतिशी ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और झुग्गी बस्तियों की बदहाली की तस्वीरें सदन में पेश कीं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में झुग्गीवासियों के विकास का वादा किया था, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है. मंत्री आशीष सूद ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि जब आतिशी खुद वित्त मंत्री थीं, तब उन्होंने इन समस्याओं का समाधान क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि सफाई का काम लगातार जारी है और विपक्ष महज दिखावे की राजनीति कर रहा है.
मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी पर सवाल
प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अनुपस्थिति को लेकर भी हंगामा हुआ. उनकी जगह मंत्री प्रवेश वर्मा ने प्रश्नों के उत्तर दिए, जिस पर आप विधायकों ने आपत्ति जताई. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विपक्ष को चेतावनी दी कि अगर वे व्यवधान जारी रखेंगे तो कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों के तहत किसी मंत्री की अनुपस्थिति में कोई अन्य मंत्री उत्तर दे सकता है.
अनधिकृत कॉलोनियों पर सियासी वार-पलटवार
दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के विकास को लेकर भी सदन में गर्मागर्म बहस हुई. भाजपा सरकार की ओर से कहा गया कि पिछले 10 साल में आप सरकार ने 1797 अनधिकृत कॉलोनियों में मात्र 1564 किमी सड़क बनाई, जो औसतन एक कॉलोनी में मुश्किल से एक किलोमीटर बैठती है. इसी तरह सीवर लाइन बिछाने के दावों पर भी सवाल उठे. मंत्री आशीष सूद ने आरोप लगाया कि आप सरकार सिर्फ घोषणाओं में विश्वास करती थी, जबकि भाजपा सरकार वास्तविक काम कर रही है.
बजट पर गरमाई सियासत
बजट सत्र के दौरान भाजपा ने सरकार के बजट को ऐतिहासिक और विकासोन्मुखी बताया, जबकि आप विधायकों ने इसे 'हवा-हवाई' करार दिया. भाजपा विधायकों ने कहा कि बजट में बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के लिए ठोस प्रावधान किए गए हैं, जिससे दिल्ली को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा. वहीं, आप विधायक संजीव झा ने कहा कि बजट में सिर्फ वादे किए गए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर ठोस योजनाएं नहीं हैं.
आर्थिक सर्वेक्षण पर तकरार
बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर भी भाजपा और आप विधायकों के बीच तीखी बहस हुई. आप विधायकों ने बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश न करने पर सरकार की आलोचना की और इसे गैर-जिम्मेदाराना करार दिया. भाजपा विधायकों ने पलटवार करते हुए कहा कि सर्वेक्षण सिर्फ एक डाटा होता है, यह अनिवार्य नहीं है.
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