Delhi Bulldozer Action: दिल्ली में सत्ता बदल चुकी है और नई बीजेपी सरकार अपनी नीतियों को लागू करने में लगी है. ऐसे में अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर का कार्रवाई की जारी है. इसी क्रम में राजधानी में मंदिरों पर प्रशासन का बुलडोजर चलाया जा रहा है. सोमवार को ताजा मामला यमुना बाजार से सामने आया है. जहां नीली छतरी वाले शिव मंदिर को तोड़ने के लिए प्रशासन एक्टिव है. जिसके खिलाफ लोगों में नाराजगी है. वे तीन दिन से यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
नहीं टूटेगा नीली छतरी मंदिर
बता दें कि महाभारत काल से यमुना बाजार में नीली छतरी मंदिर है, जिसे तोड़े जाने की घटना को लेकर अब मामला राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है. सोमवार को यमुना बाजार स्थित घटनास्थल पर कांग्रेस का डेलिगेशन पहुंचा, तभी वहां पर दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा भी पहुंचे. प्रवेश वर्मा और कांग्रेस नेता मुदित अग्रवाल आमने-सामने आ गए. दोनों के बीच थोड़ी सी बहस भी हुई.
दिल्ली में टूटे गए मंदिरों को होगा निर्माण- प्रवेश वर्मा
पीडब्लूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने घटनास्थल का जायजा लिया. प्रवेश वर्मा ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अब यहां से एक ईंट भी नहीं उखड़ेगी. साथ ही जो टूटे गए मंदिर हैं, उनको भी स्थापित किया जाएगा और बढ़िया तरीके इसका निर्माण करवाया जाएगा. ऐसा आश्वाशन दिया और साथ ही विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए लोगों से कहा कि आपके बीच अलग-अलग राजनीतिक दल आएंगे ,उनके बहकावे में न आए. हम आपके साथ खड़े हैं.
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दिल्ली के नीली छतरी मंदिर का इतिहास
बता दें कि नई दिल्ली, भारत में शिव को समर्पित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में पांडू के सबसे बड़े बेटे राजकुमार युधिष्ठिर ने इस मंदिर और इसके बगल में निगमबोध घाट की स्थापना की थी. यहीं से अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया था.