Delhi News: शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल बैठक का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नीति आयोग के सामने विकसित दिल्ली का रोडमेप प्रस्तुत किया. जिसमें यमुना की सफाई, इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास और हर घर नल से जल को प्राथमिकता दी गई. सीएम रेखा गुप्ता ने नीति आयोग की दसवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में दिल्ली की योजनाओं की जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने इसी रोडमैप पर दिल्ली का एक विस्तृत विजन पेश किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की राजधानी होने के नाते जिम्मेदारी बड़ी है. दिल्ली में सम्पूर्ण भारत के हर राज्य से लाखों लोग बसे हैं. उन सभी परिवारों को बेहतर सविधाएं देना हमारा दायित्व है. एक भारत- श्रेष्ठ भारत को चरितार्थ करते हुए दिल्ली में हर राज्य का दिवस उत्सव मनाने का आयोजन शुरू किया. अब हमें केंद्र के साथ-साथ सीमावर्ती राज्य हरियाणा, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश से ज्यादा सहयोग की आवश्यकता है.
रेखा गुप्ता ने दिल्ली 2047 मॉडल के बारे में बताया कि साल 2047 तक दिल्ली को दुनिया के नक्शे पर सबसे चिरस्थायी और रहने लायक शहर बनाने का लक्ष्य है. दिल्ली में सभी के लिए पौष्टिक भोजन, स्वच्छ जल, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा, कौशल प्रशिक्षण, रोजगार, उच्च तकनीकी अनुसंधान की राजधानी के साथ-साथ कचरा मुक्त व वैश्विक सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र बने. दिल्ली सरकार इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए इन बिन्दुओं पर काम कर रही है.
दिल्ली के समग्र विकास के लिए उत्कृष्ट अधोसंरचना
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा कि दिल्ली के समग्र विकास के लिए उत्कृष्ट सार्वजनिक अवसंरचना आज की पहली जरूरत है. यह विकास Four-S के सिद्धांतों पर आधारित रणनीति के माध्यम से साकार किया जा रहा है. इन सिद्धांतों में Scope, Scale, Speed और Skill शामिल हैं. यह चार तत्व मिलकर दिल्ली को एक नई दिशा में ले जाने का कार्य कर रहे हैं.
नई पहचान की ओर बढ़ता दिल्ली
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सहज कनेक्टिविटी और स्मार्ट निगरानी के माध्यम से दिल्ली को एक नई पहचान स्थापित करने का लक्ष्य है. इस दिशा में किए गए प्रयासों से दिल्ली की छवि में एक सकारात्मक बदलाव देखा जा सकता है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए लाखों करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति और वित्तपोषण प्रदान किया है.
प्रदूषण मुक्त दिल्ली का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण मुक्त दिल्ली अगली प्राथमिकता है. इसी दिशा में दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को 100% इलेक्ट्रिक मोड पर लाने का लक्ष्य तय किया है. इस परिवर्तन की शुरुआत दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन इंटरकनेक्टर (Delhi Electric Vehicle Interconnector- DEVI) जैसे अभिनव प्रोजेक्ट से की गई है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2000 नई इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का लक्ष्य रखा गया है.
सौर ऊर्जा की ओर कदम
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत दिल्ली ने केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई 78,000 रुपये प्रति 3kW सब्सिडी के अलावा 30,000 रुपये प्रति उपभोक्ता की अतिरिक्त राशि अपने स्तर से दी है. यह कदम सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए नागरिकों को प्रेरित करने के लिए उठाया गया है.
कूड़े के पहाड़ों का निस्तारण
दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों के निस्तारण का कार्य भी केंद्र सरकार के सहयोग से तेजी से जारी है. इस दिशा में दिल्ली सरकार का संकल्प है कि वर्ष 2047 तक दिल्ली को शून्य उत्सर्जन शहर के रूप में स्थापित किया जाए. यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिसे हासिल करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं.
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स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार
सीएम के अनुसार, दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि राजधानी में रोकी जा सकने वाली मौतें सुनिश्चित की जा सके. इस दिशा में आयुष्मान भारत, वय वंदना योजना, और प्रधानमंत्री जन औषधि योजना जैसी योजनाओं को अपने बजट से अतिरिक्त समर्थन देकर लागू किया गया है. इससे दिल्ली के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है. दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए नए अस्पतालों के निर्माण की विस्तृत योजना भी तैयार की गई है. इसका उद्देश्य हर नागरिक को सुलभ, सस्ती और सशक्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है.
जल आपूर्ति और यमुना नदी की सफाई की योजना
दिल्ली सरकार ने हर घर नल से जल सुनिश्चित करने के लिए एक समग्र और चरणबद्ध योजना तैयार की है. कई नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स (WTP) की स्थापना की जा रही है, ताकि नागरिकों को स्वच्छ और सतत जल आपूर्ति मिल सके. साथ ही यमुना नदी का पुनर्जीवन और जल संरक्षण के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसी योजनाएं हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना केवल एक स्वच्छ नदी ही न रहे, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक भी बने. इस महत्त्वपूर्ण कार्य में केंद्र सरकार और सीमावर्ती राज्यों का सहयोग अपेक्षित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मिलकर यमुना को उसके गौरव के साथ पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
दिल्ली सरकार की नई शिक्षा नीति
दिल्ली सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के मार्गदर्शन में राजधानी की शिक्षा व्यवस्था को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप ढालने के लिए प्रतिबद्ध है. इस नीति का मुख्य उद्देश्य छात्रों को केवल नौकरी के लिए तैयार करना नहीं, बल्कि उन्हें नौकरी बनाने के लिए तैयार करना है. यह पहल छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. दिल्ली के स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी और विभिन्न देशों की भाषाओं के साथ नए करिकुलम को शामिल किया जा रहा है. यह कदम छात्रों को तकनीकी ज्ञान और वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करता है. सीएम ने कहा कि राजधानी में पहली बार स्कूल फीस नियंत्रण अधिनियम लाया जा रहा है. यह अधिनियम निजी विद्यालयों में फीस की पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित करेगा. इससे अभिभावकों को राहत मिलेगी और शिक्षा का खर्च कम होगा.
पीएम श्री स्कूल्स योजना का लाभ
दिल्ली के छात्र अब केंद्र सरकार की पीएम श्री स्कूल्स योजना का लाभ भी उठा सकेंगे. इस योजना के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक छात्रों की पहुंच को सुदृढ़ किया जाएगा. यह योजना छात्रों को बेहतर शैक्षणिक संसाधनों और अवसरों के साथ सुसज्जित करेगी.
उद्योगों के लिए सक्षम इकोसिस्टम
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार उद्योगों और सेवा इकाइयों के लिए एक सक्षम और समर्थ इकोसिस्टम तैयार करने के लिए विभिन्न नीतिगत पहलों पर कार्य कर रही है. नई औद्योगिक नीति, नई वेयरहाउसिंग नीति और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थागत व्यवस्थाएं विकसित की जा रही हैं.
निवेशक शिखर सम्मेलन
दिल्ली पहली बार निवेशक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रही है. यह सम्मेलन निवेश के नए अवसर उत्पन्न करेगा और दिल्ली को वैश्विक निवेश मानचित्र पर एक सशक्त स्थान देगा.
पर्यटन सर्किट का विकास
दिल्ली सरकार राजधानी में एक नया पर्यटन सर्किट विकसित करने की योजना बना रही है. इसके साथ ही, स्टार्ट-अप और स्टैंड-अप इंडिया जैसी पहलों को मजबूती देने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जा रही है. दिल्ली सरकार हरित अर्थव्यवस्था को साकार करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है. सभी सरकारी भवनों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं. वर्तमान में, दिल्ली की केवल 10% ऊर्जा आवश्यकता स्थानीय उत्पादन से पूरी होती है. इस अंतर को कम करने के लिए हर वर्ष 750 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
पर्यावरण-संवेदनशील परियोजनाएं
दिल्ली को जीरो वेस्ट कॉलोनियों की ओर ले जाने के लिए कई पर्यावरण-संवेदनशील परियोजनाएं चलाई जा रही हैं. इनमें वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट, प्लास्टिक वेस्ट रीसाइक्लिंग यूनिट्स और ई-वेस्ट प्रबंधन शामिल हैं. ये पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और स्वच्छ भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक ठोस कदम हैं.
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