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Delhi News: जवाबदेही से नहीं बच पाएंगे अधिकारी, गलत जानकारी पर होगी कार्रवाई

Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा में प्रशासनिक जिम्मेदारी के साथ-साथ इलाकों के नाम बदलने का मुद्दा भी चर्चा में रहा. मुस्तफाबाद का नाम बदलकर 'शिव विहार' करने का प्रस्ताव रखा जाना था, लेकिन विपक्ष के ना होने की वजह से इसे टाल दिया गया.  

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Delhi News: जवाबदेही से नहीं बच पाएंगे अधिकारी, गलत जानकारी पर होगी कार्रवाई
Delhi News: जवाबदेही से नहीं बच पाएंगे अधिकारी, गलत जानकारी पर होगी कार्रवाई
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Mar 29, 2025, 08:20 AM IST
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Delhi BJP Cabinet: राजधानी दिल्ली में प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. दिल्ली सरकार ने उन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने का संकेत दिया है जो सदन में गलत जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं. कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने सदन में स्पष्ट किया कि अधिकारियों को जमीनी हकीकत के आधार पर ही जवाब देने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद गलत जानकारी दी गई, तो अब कड़ी कार्रवाई होगी.

सीवर समस्या पर गलत रिपोर्टिंग का मुद्दा गरमाया
विधानसभा सत्र के दौरान जल बोर्ड के अधिकारियों द्वारा पालम क्षेत्र में सीवर जाम की समस्या को लेकर दी गई गलत जानकारी ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया. पालम के विधायक कुलदीप सोलंकी ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे जनता की समस्याओं की अनदेखी करार दिया. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग लंबे समय से सीवर जाम की समस्या से परेशान हैं, लेकिन अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में इसे गलत तरीके से पेश किया. इस पर कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि हम पहले ही अधिकारियों को निर्देश दे चुके थे कि वे किसी भी प्रश्न का उत्तर जमीनी हकीकत के आधार पर दें. अगर किसी अधिकारी ने गलत जानकारी दी है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इलाकों के नाम बदलने पर गरमाई राजनीति
विधानसभा में प्रशासनिक जवाबदेही के साथ-साथ दिल्ली के कई इलाकों के नाम बदलने का मुद्दा भी गर्मा गया. मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर 'शिव विहार' करने के प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, लेकिन विपक्ष की गैरमौजूदगी के कारण इसे टाल दिया गया. दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने इस प्रस्ताव को पेश करने की मंशा जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि मुस्तफाबाद का नाम एक प्रॉपर्टी डीलर के नाम पर रखा गया था, जबकि इलाके के लोग इसे 'शिव विहार' के नाम से देखना चाहते हैं. हम जनता की इस इच्छा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

बाबरपुर का नाम बदलने की उठी मांग
इस मुद्दे के बीच घोंडा के विधायक अजय महावर ने बाबरपुर का नाम बदलकर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की मांग की. उन्होंने कहा कि बाबर एक आक्रांता था जिसने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर को ध्वस्त किया और इस देश को काफी नुकसान पहुंचाया. ऐसे व्यक्ति के नाम पर दिल्ली में एक विधानसभा क्षेत्र नहीं होना चाहिए. डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं, और उनके नाम पर इस क्षेत्र का नाम रखा जाना चाहिए.

राजनीतिक माहौल गरमाया
दिल्ली में विधानसभा के भीतर और बाहर इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है. भाजपा जहां ऐतिहासिक नामों को बदलने की वकालत कर रही है, वहीं विपक्ष इसे सरकार की राजनीतिक रणनीति करार दे रहा है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. विपक्ष का कहना है कि सरकार असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए नाम बदलने की राजनीति कर रही है, जबकि भाजपा और उसके सहयोगी दल इसे 'संस्कृतिकरण' का हिस्सा मान रहे हैं.

जनता की राय और आगे की रणनीति
इस पूरे घटनाक्रम पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. कुछ लोगों का मानना है कि इलाकों के नाम बदलने से कोई वास्तविक बदलाव नहीं आएगा, जबकि कुछ का कहना है कि इससे उनकी सांस्कृतिक पहचान मजबूत होगी. वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की दिशा में सरकार के इस कदम का कई संगठनों ने समर्थन किया है. अब देखना यह होगा कि सरकार कितने सख्त कदम उठाती है और क्या नाम बदलने का यह प्रस्ताव विधानसभा में पारित हो पाता है या नहीं.

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