Delhi Haunted Place: भूत-प्रेत और आत्माएं अस्तित्व में हैं या नहीं कुछ भी कहना मुश्किल है. कई लोग ऐसी चीजों पर काफी विश्वास करते हैं, वहीं कई इन सबको महज अफवाह मानते हैं. कई बार आपने दोस्तों या किसी से भी ऐसी जगहों के बारे में कहानियां या किस्से सुने होंगे, जिसमें आत्माओं का आज भी अस्तित्व में होने की बात होती है. चलिए आज हम आपको दिल्ली की ऐसी जगह के बारे में बताते हैं, जो भूतिया कहानियों के लिए जानी जाती हैं.
Malcha Mahal History:
दिल्ली की सबसे भूतिया जगहों में से एक होने के बावजूद, मालचा महल का इतिहास अलौकिक कहानियों से कहीं ज्यादा परेशान करने वाला है. सदियों पुराना मालचा महल 2017 तक अवध के शाही परिवार के वंशजों का निवास स्थान था.
मालचा महल की कहानी
मालचा महल के पीछे की कहानी 70 के दशक की है. अवध के आखिरी नवाब की परपोती राजकुमारी विलायत महल अपने दो बच्चों, पंद्रह जंगली कुत्तों और सात नौकरों के साथ दिल्ली आई थीं. 1985 में दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें मालचा महल देने के बाद वे 8 साल तक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्रथम श्रेणी के गेस्ट हाउस में रहीं. महल में न तो दरवाजे थे और न ही बिजली और इसका कभी नवीनीकरण नहीं हुआ. परिवार बाहरी दुनिया से कोई संपर्क न रखते हुए एकांत में रह रहा था.
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दिल्ली के मालचा महल की भूतिया कहानी
1993 में, राजकुमारी विलायत महल ने डिप्रेशन के कारण कुचला हुआ हीरा निगलकर अपनी जान ले ली. ऐसा कहा जाता है कि बेगम विलायत महल की मौत के बाद से वहां उनकी आत्मा भटकी है. उनकी मौत के कुछ साल बाद, सभी कुत्ते और नौकर मर गए. 2014 तक राजकुमारी विलायत महल की बहन राजकुमारी सकीना का निधन हो गया और नवंबर 2017 में राजकुमारी विलायत महल के बेटे राजकुमार अली रजा मृत पाए गए. बिजली के बिना उनके जीवित रहने का रहस्य, उनके भोजन का स्रोत, बाहरी दुनिया से उनका अलगाव, राजकुमारी के बच्चों की मृत्यु और परिवार की असामान्य जीवनशैली ने मालचा महल को दिल्ली में एक प्रेतवाधित स्थान के रूप में शामिल कर दिया, जिससे इसके पूर्व निवासियों का अस्तित्व रहस्यमय बन गया.