Delhi History: सरमद काशानी का मकबरा ऐतिहासिक इमारत के पीछे की कहानी सत्ता की चाहत से प्रेरित है. जामा मस्जिद और मीना बाजार के बीच स्थित यह मकबरा अर्मेनियाई सूफी संत और रहस्यवादी सरमद को समर्पित है, जिन्हें अभय चंद नाम के एक हिंदू लड़के से प्यार हो गया था, मगर वह अधूरा रह गया. जानें इनकी प्रेम की अनोखी कहानी और इतिहास.
सरमद काशानी का मकबरा (Sarmad Tomb)
सरमद काशानी का मकबरा, जो तीखे लाल रंग से रंगा गया है, एक अद्भुत धार्मिक स्थल है. यह न केवल उनकी आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह एक ऐसे प्रेम की कहानी भी बयां करता है जो धर्मों के पार फैला हुआ है. सरमद, एक अर्मेनियाई सूफी संत, जिन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया और प्रेम के लिए अपने सिद्धांतों से पीछे नहीं हटे.
एक कवि और रहस्यवादी के रूप में उनकी प्रतिष्ठा उस समय बनी जब वे दोनों साथ-साथ यात्रा करते थे, जिसके कारण मुगल युवराज दारा शिकोह ने सरमद को अपने पिता के दरबार में आमंत्रित किया, इस अवसर पर सरमद ने शाही उत्तराधिकारी को इतना प्रभावित किया कि उसने उनका शिष्य बनने की कसम खा ली.
औरंगजेब ने की थी सरमद की हत्या
सरमद की कहानी में औरंगजेब का नाम महत्वपूर्ण है. जब सरमद ने दारा शिकोह के आध्यात्मिक गुरु के रूप में कार्य किया, तब औरंगजेब ने अपने भाई को मारकर सत्ता हासिल करने की कोशिश की. इस संघर्ष में, सरमद की जिंदगी भी खतरे में आ गई.
सिर कलम होने की घटना
सरमद को जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर ईशनिंदा के आरोप में सिर कलम कर दिया गया. यह घटना न केवल उनकी बलिदान को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि उनके विचार कितने साहसी थे. उनके प्रेम की कहान आज भी लोगों को प्रेरित करती है. सरमद पर नास्तिकता और अपरंपरागत धार्मिक प्रथा का आरोप लगाया गया और उसे दोषी ठहराया गया.
समलैंगिकता का प्रतीक
सरमद की कब्र अब समलैंगिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन गई है. उनकी कहानी ने न केवल प्रेम के विविध रूपों को स्वीकार करने की प्रेरणा दी, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे एक व्यक्ति अपने प्यार के लिए खड़ा हो सकता है.
नई दिल्ली का सांस्कृतिक महत्व
नई दिल्ली, जो अपनी समृद्ध संस्कृति और इतिहास के लिए जानी जाती है, जिसको अब लैंगिक पहचान और कामुकता के क्षेत्र में भी मान्यता प्राप्त हो रही है. सरमद की कहानी ने इस शहर की सांस्कृतिक विविधता को और भी बढ़ाया है.