trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana02785634
Home >>Delhi-NCR-Haryana

Delhi News: कबूतर की बीट से सेहत को कितना नुकसान, NGT ने दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस और मांगा जवाब

Delhi News: एनजीटी ने दिल्ली सरकार के साथ पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD), दिल्ली नगर निगम (MCD) और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस एक आवेदन के बाद जारी किया गया. 

Advertisement
Delhi News: कबूतर की बीट से सेहत को कितना नुकसान, NGT ने दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस और मांगा जवाब
Renu Akarniya|Updated: Jun 03, 2025, 09:36 PM IST
Share

Delhi News: दिल्ली में फुटपाथ और सड़कों पर कबूतरों को दाना डालने की प्रथा को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने दिल्ली सरकार और विभिन्न एजेंसियों को नोटिस भेजा है. 

एनजीटी ने दिल्ली सरकार के साथ पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD), दिल्ली नगर निगम (MCD) और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस एक आवेदन के बाद जारी किया गया, जिसमें कबूतरों के सूखे मल के धूल के साथ मिलने से होने वाले नुकसान की समस्या उठाई गई थी.

आवेदन करने वाले कानून के छात्र अरमान पल्लीवाल ने दावा किया कि कबूतरों का मल गंभीर फेफड़ों की बीमारियां जैसे हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस का कारण बनता है, जिससे फेफड़ों में जख्म और सांस लेने में कठिनाई होती है.

आवेदन में कहा गया कि कबूतरों को खिलाने और उनकी संख्या बढ़ने के कारण, वे फुटपाथ और यातायात वाले स्थानों पर मल त्यागते हैं, और जब इन भोजन वाले क्षेत्रों को साफ किया जाता है, तो सूखे मल के विषैले कण धूल के साथ मिल जाते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

29 मई को पारित अपने आदेश में न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि एनजीटी के समक्ष दायर आवेदन में पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया है.

ये भी पढ़ें: Delhi News: AAP नेता संजय सिंह ने PM मोदी को लिखा पत्र, कर दी ये मांग

एनजीटी ने मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त के लिए निर्धारित करते हुए आदेश दिया कि प्रतिवादियों (प्राधिकारियों) को ई-फाइलिंग के माध्यम से अगली सुनवाई की तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले न्यायाधिकरण के समक्ष हलफनामे के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए.

इसमें यह भी कहा गया है कि अगर कोई प्रतिवादी-प्राधिकरण अपने अधिवक्ता के माध्यम से उत्तर भेजे बिना सीधे उत्तर दाखिल करता है तो उक्त प्राधिकारी ग्रीन ट्रिब्यूनल की सहायता के लिए वस्तुतः उपस्थित रहेगा. इसने आगे आदेश दिया कि आवेदक को अन्य प्रतिवादियों को सेवा देने और सुनवाई की अगली तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले सेवा का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत हरित अधिकरण पर्यावरण संरक्षण तथा वनों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों को संभालने के लिए जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें: इस दिन से राजधानी में सिर्फ इन गाड़ियों को मिलेगी एंट्री, दिल्ली सरकार ने की घोषणा

दिल्ली एनसीआर की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Delhi-NCR News in Hindi और पाएं Delhi-NCR latest News in Hindi हर पल की जानकारी । दिल्ली एनसीआर की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Read More
{}{}