Delhi MCD Budget 2025: दिल्ली नगर निगम के आयुक्त अश्विनी कुमार ने गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया. इस बार के बजट में 318 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई है, जिससे कुल बजट 17,002 करोड़ रुपए हो गया है. पिछले साल, 2024-25 में बजट 16,683.02 करोड़ रुपए था. यह वृद्धि निगम प्रशासन के प्रयासों को दर्शाती है, लेकिन इस बार किसी बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना का उल्लेख नहीं किया गया है.
इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की कमी
बजट में निगम प्रशासन ने कोई नई बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना का लेख-जोखा प्रस्तुत नहीं किया है. पिछले वर्ष कुछ मल्टी लेवल कार पार्किंग की योजनाओं का उल्लेख किया गया था, जिसे इस बार फिर से शामिल किया गया है. पंजाबी बाग श्मशान घाट पर 225 कारों, जीके 1 मार्केट में 399 कारों और बाग दीवार फतेहपुरी मार्केट में 196 कारों की पार्किंग का निर्माण कार्य जारी है.
नगर निगम की वित्तीय स्थिति
आयुक्त ने बजट भाषण के दौरान बताया कि निगम की देनदारी 14,000 करोड़ रुपए है. आय को बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं. जनवरी 2025 तक संपत्ति कर से 1,908.06 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 215.65 करोड़ रुपए अधिक है. यह आंकड़ा निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार का संकेत देता है.
सफाई पर बढ़ा बजट
इस वर्ष सफाई के लिए बजट को 800 करोड़ रुपए तक बढ़ाया गया है. कुल मिलाकर, सफाई के लिए 4,900 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 4,100 करोड़ रुपए था. यह बढ़ोतरी दिल्ली की सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
निर्माण परियोजनाओं की प्रगति
बजट में कई निर्माण परियोजनाओं का उल्लेख किया गया है. कड़कड़डूमा में भवन का निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है और इसे जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. लाजपत नगर कॉलोनी में दो मंजिला अस्पताल का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है.
दिल्ली ग्रामोदय योजना
दिल्ली ग्रामोदय के तहत, दिल्ली नगर निगम को 414 कार्यों की स्वीकृति मिली है. इन पर लगभग 522 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इनमें से 74 कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि 208 कार्य प्रगति पर हैं. शेष कार्यों को जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.
विपक्ष का विरोध
दिल्ली नगर निगम के 2024-25 के संशोधित बजट और 2025-26 के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बजट को बिना वार्ड समितियों में चर्चा किए प्रस्तुत किया गया. निगम के नियमों के अनुसार, आयुक्त को 10 दिसंबर तक स्थायी समिति के सामने बजट पेश करना होता है.
स्थायी समिति का गठन न होना
दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि स्थायी समिति के सभी सदस्यों का चुनाव होने के बावजूद, सत्ता पक्ष ने स्थायी समिति का गठन नहीं किया. इससे निगम के विकास कार्यों में बाधा आई है. आयुक्त को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मंजूरी लेकर बजट प्रस्तुत करना पड़ा. नेता विपक्ष ने कहा कि इस बार कोई नया कर न लगाने का प्रस्ताव का स्वागत करते हैं. नए कर न लगाने के निर्णय से जनता को राहत मिली है, जो कि निगम की वित्तीय नीति में एक सकारात्मक कदम ह.
कुल मिलाकर 17,002.66 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया, इसमें से किस विभाग को कितना मिला बजट?
सामान्य प्रशासन- 3542.29 करोड़ रुपए
लाइसेंसिंग- 12.82 करोड़ रुपए
सामुदायिक सेवाएं- 71.36 करोड़ रुपए
शिक्षा- 1693.73 करोड़ रुपए
जन-स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सहायता- 1833.51 करोड़ रुपए
सफाई- 4907.11 करोड़ रुपए
लोक निर्माण और पथ प्रकाश- 2894.60 करोड़ रुपए
पशु चिकित्सा सेवाएं- 108.43 करोड़ रुपए
बागवानी- 393 करोड़ रुपए
भूमि एवं लाभकारी परियोजना- 91.90 करोड़ रुपए
अन्य विकास कार्य- 785 करोड़ रुपए
कर्ज भुगतान- 667.73 करोड़ रुपए