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Delhi Metro: गोल्डन लाइन पर सबसे गहरी सुरंग बनकर तैयार, साथ ही होगा स्प्लिट-स्टेशन डिजाइन, जानें यह है क्या?

Delhi Metro Golden Line: गोल्डन लाइन पर कुल 15 स्टेशन हैं, जिनकी कुल लंबाई 23.62 किमी है. मैजिक ब्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह लाइन 2025 तक चालू होने की उम्मीद है. साथ ही इन लाइ पर स्प्लिट-स्टेशन डिजाइन भी तैयार किया जाएगा. 

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Delhi Metro
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Renu Akarniya|Updated: Mar 18, 2025, 04:55 PM IST
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Delhi Metro Update: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DRMC) ने आज एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर (Golden Line) के इग्नू स्टेशन साइट (Chhatarpur Mandir) पर टनल बोरिंग मशीन (TBM) की सफलता के साथ फेज-IV के सबसे गहरे भूमिगत हिस्से पर सुरंग बनाने का काम पूरा कर लिया. इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री  रेखा गुप्ता और मनजिंदर सिंह सिरसा टनल साइट पर पहुंचे.

दिल्ली मेट्रो की सबसे गहरी सुरंग
यह नई सुरंग औसतन 27.0 मीटर (न्यूनतम गहराई 18.0 मीटर और अधिकतम 39 मीटर) की गहराई पर बनाई गई है, जो दिल्ली मेट्रो की सबसे गहरी सुरंगों में से एक है. गौरतलब है कि छतरपुर मंदिर और इग्नू के बीच एक और समानांतर सुरंग का काम 25 फरवरी 2025 को पूरा हो गया था. इसलिए, अब इस चुनौतीपूर्ण खंड पर अप और डाउन दोनों लाइनों पर सुरंग बनाने का काम पूरा हो गया है.

तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर का 19.343 KM लंबा भूमिगत ट्रैक 
दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में DMRC 40.109 किलोमीटर भूमिगत मेट्रो लाइन का निर्माण कर रहा है. अकेले तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर में 19.343 किलोमीटर भूमिगत ट्रैक होंगे. इस परियोजना का उद्देश्य दक्षिण दिल्ली और अन्य प्रमुख स्थानों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है. 

दिल्ली मेट्रो लाइन की सुरंग
मैजेंटा लाइन पर फेज-॥ में हौज खास में लगभग 30 मीटर की गहराई पर सुरंग बनाई गई थी, जबकि एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के लिए एक और सुरंग राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के नीचे लगभग 45 मीटर की गहराई पर गुजरती है.

सुरंग में लगभग 1048 रिंग लगे
इस सुरंग में लगभग 1048 रिंग लगाए गए हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है. सुरंग का निर्माण ईपीबीएम (अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड) की सिद्ध तकनीक का उपयोग करके किया गया है, जिसमें प्रीकास्ट टनल रिंग से बनी कंक्रीट लाइनिंग है. इन टनल रिंग को मुंडका में स्थापित पूरी तरह से मशीनीकृत कास्टिंग यार्ड में कास्ट किया गया था. कंक्रीट सेगमेंट की शीघ्र मजबूती के लिए स्टीम क्योरिंग सिस्टम से इनकी क्योरिंग की गई. इस सुरंग निर्माण अभियान में खड़ी ढलान के साथ-साथ अभ्रक और कठोर चट्टानों सहित विभिन्न भू-विज्ञान की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण स्कू ऑगर क्षतिग्रस्त हो गया और अभियान के दौरान उसे बदला गया.

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मौजूदा निर्मित इमारतों के नीचे सुरंग के निर्माण के दौरान सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियां बरती गईं. आस-पास की इमारतों पर लगे अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों से जमीनी गतिविधियों पर नजर रखी गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं कोई धंसाव न हो. आज सुबह इग्नू स्टेशन पर 1460.00 मीटर लंबी सुरंग खोदने के बाद टीबीएम बाहर निकली. 97 मीटर लंबी एक विशाल टीबीएम का उपयोग करके यह सफलता हासिल हुई. यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि डीएमआरसी ने पिछले चार हफ्तों में तीन टीबीएम ब्रेकथ्रू सफलताएं हासिल की हैं. 

2025 तक संचालित होने की उम्मीद 
इस गोल्डन लाइन पर कुल 15 स्टेशन हैं, जिनकी कुल लंबाई 23.62 किमी है. मैजिक ब्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह लाइन 2025 तक चालू होने की उम्मीद है.  

गोल्डन लाइन पर बनेगा स्प्लिट-स्टेशन डिजाइन 
तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर (गोल्डन लाइन), खानपुर और अंबेडकर नगर स्टेशनों पर पहली बार स्प्लिट-स्टेशन डिजाइन को शामिल करने के लिए तैयार है. स्प्लिट स्टेशन में महरौली बदरपुर रोड के दोनों ओर अलग-अलग संरचनाओं में प्लेटफॉर्म का निर्माण शामिल है, जिन्हें फिर 45 मीटर से अधिक लंबे फुटब्रिज के माध्यम से जोड़ा जाता है. दिल्ली मेट्रो की गोल्डन लाइन के लिए स्प्लिट-स्टेशन निर्माण का यह नया तरीका आधुनिक शहरी पारगमन प्रणालियों की आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में एक नया मील का पत्थर साबित होने जा रहा है. 

Input: Mukesh Singh

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