Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) और भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार डीएमआरसी भारतीय रेलवे के लिए अत्याधुनिक 'ऑटोमैटिक व्हील प्रोफाइल माप प्रणाली' (AWPMS) खरीदेगी. इससे ट्रेन के पहियों की जल्दी और सुरक्षित जांच के लिए ऑटोमैटिक व्हील प्रोफाइल मेजरमेंट सिस्टम (AWPMS) नामक स्मार्ट मशीनों को स्थापित करने का लक्ष्य रखता है. यह कदम आधुनिक और बेहतर रेलवे रखरखाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
DRMC संभालेगा रेलवे का ये सारा काम
समझौते के अनुसार, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन AWPMS मशीनों को खरीदने से लेकर उन्हें स्थापित करने और शुरू करने तक का सारा काम संभालेगा. कुल मिलाकर, भारतीय रेलवे नेटवर्क में अलग-अलग जगहों पर चार मशीनें लगाई जाएंगी. डीएमआरसी ने पहले ही इन प्रणालियों के विनिर्देशों का प्रस्ताव दिया है और स्थापना के बाद, उनके द्वारा निर्दिष्ट स्थानों पर भारतीय रेलवे के लिए उनका परीक्षण और कमीशन किया जाएगा.
क्या है AWPMS?
AWPMS का मतलब ऑटोमेटिक व्हील प्रोफाइल मेजरमेंट सिस्टम है. यह एक नई और उन्नत मशीन है, जो ट्रेन के पहियों के आकार और स्थिति की जांच करती है. इसकी सबसे खास बात यह है कि यह स्वचालित रूप से और पहियों को छुए बिना काम करती है. यह लेजर और तेज कैमरों का उपयोग करके वास्तविक समय में पहियों के घिसाव और आकार की जांच करती है.
ये भी पढ़ें: दिल्लीवासियों का फ्री में होगा इलाज, आयुष्मान भारत योजना लागू, जानें रजिस्ट्रेशन डेट
कैसे काम करता है AWPMS?
AWPMS पहियों को देखने के लिए लेजर स्कैनर और हाई-स्पीड कैमरों का उपयोग करता है. यह सेकंड में सटीक परिणाम देता है और किसी व्यक्ति को हाथ से पहियों की जांच करने की आवश्यकता नहीं होती है. अगर यदि इसे पहियों में कोई नुकसान या किसी तरह की कोई समस्या मिलती है तो यह तुरंत स्वचालित अलर्ट भेजता है. इससे रेलवे कर्मचारियों को समस्या को जल्दी से ठीक करने में मदद मिलती है, जिससे ट्रेन यात्रा सुरक्षित और तेज हो जाती है.
महत्वपूर्ण क्यों है ये सिस्टम?
रेल मंत्रालय ने कहा कि आधुनिक रेलवे रखरखाव में यह एक बड़ा कदम है. इससे ट्रेनों की जांच और मरम्मत में लगने वाले समय को कम करने में मदद मिलेगी. AWPMS जैसी स्मार्ट तकनीक से ट्रेनें अधिक सुरक्षित और समय पर चल सकती हैं.
इस समझौते से भारतीय रेलवे और DMRC के बीच प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान होगा. इसके अलावा, रेलवे कर्मचारियों का कौशल विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा. यह समझौता भारतीय रेलवे के भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम है.