Earthquake In Delhi-NCR: हाल ही में म्यांमार में आए 6.4 तीव्रता के भूकंप ने एक बार फिर भूकंप की विनाशकारी शक्ति का एहसास कराया है. इस झटके का असर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों तक महसूस किया गया, जिससे विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है. आगर दिल्ली में 8.0 तीव्रता तक का भूकंप आता है तो कई इमारतें गिर सकती हैं और भारी नुकसान हो सकता है. सवाल ये है कि क्या हम इसके लिए तैयार हैं? दिल्ली एक भूकंप संभावित क्षेत्र में आता है, लेकिन अभी भी कई पुरानी और कमजोर इमारतें यहां मौजूद हैं. ऐसे में जरूरी है कि समय रहते सावधानी बरती जाए, भूकंपरोधी निर्माण किया जाए और लोगों को जागरूक किया जाए ताकि बड़े नुकसान से बचा जा सके.
दिल्ली किस भूकंपीय जोन में आता है?
भूवैज्ञानिकों के अनुसार दिल्ली सिस्मिक जोन-4 में आता है, जो उच्च भूकंपीय गतिविधि वाले क्षेत्रों में गिना जाता है. भारत में भूकंप की दृष्टि से पांच जोन होते हैं- जोन-1 से जोन-5 तक, जहां जोन-5 सबसे खतरनाक होता है. दिल्ली-एनसीआर भले ही जोन-5 में नहीं आता, लेकिन यहां बड़ा भूकंप आने का खतरा बना रहता है.
कितनी तीव्रता ला सकती है विनाश?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दिल्ली में 6.0 से 6.5 तीव्रता का भूकंप आता है, तो शहर के कई इलाकों में इमारतों को नुकसान हो सकता है. 7.0 से अधिक तीव्रता होने पर पुरानी और कमजोर इमारतें गिर सकती हैं, जबकि 8.0 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप विनाशकारी साबित हो सकता है.
1720 के बाद दिल्ली में अब तक सिर्फ 5 भूकंप आए
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अनुसार दिल्ली-हरिद्वार रिज और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट इतनी सक्रिय हैं कि ये 8.0 तीव्रता का भूकंप ला सकती हैं. आंकड़ों के मुताबिक साल 1720 के बाद दिल्ली में अब तक सिर्फ पांच भूकंप आए हैं जिनकी तीव्रता 5.5 से 6.7 के बीच रही है. भूकंप के मामले में दिल्ली एक ऐसा इलाका है जिसे खतरे वाला क्षेत्र माना जाता है.
दिल्ली को कितना खतरा है?
द-टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार दिल्ली के निकट कई सक्रिय फॉल्ट लाइन्स हैं, जैसे अरावली, महेंद्रगढ़-देहरादून, हरिद्वार रिज, मथुरा और सोहना फॉल्ट, जो भूकंप की संभावना को बढ़ाते हैं. ये कभी भी बड़ी भूकंपीय हलचल पैदा कर सकते हैं. इसके अलावा, नेपाल और म्यांमार जैसे भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में आने वाले झटके भी दिल्ली पर असर डाल सकते हैं.
क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में भूकंप-रोधी निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए. साथ ही पुराने और कमजोर भवनों की स्ट्रक्चरल ऑडिटिंग करवानी जरूरी है. लोगों को आपातकालीन किट तैयार रखनी चाहिए, जिसमें जरूरी दवाएं, टॉर्च, पानी और अन्य आवश्यक सामान हो.
Disclaimer: दिल्ली के भूकंपीय जोखिमों से संबंधित जानकारी विभिन्न प्रतिष्ठित स्रोतों से प्राप्त कर खबर को तैयार किया गया है.
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