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Bulldozer Action: कोर्ट का स्टे मिलने के बावजूद भी झुग्गियों को गिराया, अशोक विहार में जमकर चला बुलडोजर

Delhi Bulldozer Action: दिल्ली के अशोक विहार DDA की लापरवाही से कई झुग्गीवासी बेघर हो गए. डीडीए ने झुग्गियों को कोर्ट से स्टे मिलने के बाद भी बुलडोजर कार्रवाई की. 

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Bulldozer Action: कोर्ट का स्टे मिलने के बावजूद भी झुग्गियों को गिराया, अशोक विहार में जमकर चला बुलडोजर
Renu Akarniya|Updated: Jun 18, 2025, 03:42 PM IST
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Delhi Bulldozer Action: दिल्ली के अशोक विहार में जेलर वाले बाग में पीले पंजे का एक्शन रुक तो गया है, लेकिन DDA की लापरवाही ने कई लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. ये वो लोग है, जिन्हें कोर्ट से सटे मिला था. डीडीए की इस कार्रवाई में उनकी झुग्गियों को नहीं तोड़ा जाएगा. बावजूद DDA ने उनके झुग्गियों को बुलडोजर के जरिए गिराया. लोगों का आरोप है कि उन्होंने DDA अधिकारी को कोर्ट का ऑर्डर भी दिखाया. साथ ही डीडीए ने उनके घरों में लगाए गए स्टे के निशान भी दिखाए, उसके बाबजूद DDA ने उनकी झुग्गियों को गिरा दिया. हालांकि DDA की तरफ से यह कहा जा रहा है कि जिन लोगों के घरों को तोड़ा जा रहा है, उनमें से ज्यादातर लोगों को मकान अलॉट कर दिए गए हैं.

अशोक विहार में बुल्डोजर एक्शन ऐसे घरों पर भी हुआ है, जिनको हाईकोर्ट से राहत मिली हुई थी. बता दें कि राजबेटी नामक शख्स का परिवार यहां कि एक झुग्गी में पिछले कई सालों से रह रहे है. डीडीए ने इसके घर के बाहर निशान लगा रखा है. झुग्गी के बाहर ST लिखा है और इसके हाथ में दिल्ली हाइकोर्ट का ऑर्डर भी, बाबजूद इसके घर में बुलडोजर एक्शन हुआ. लोगों ने कहा कि उन्होंने मना किया, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी. 

वहीं यहां कि निवासी सविता देवी को भी दिल्ली हाइकोर्ट से स्टे मिला है. उसकी झुग्गी पर भी बुलडोजर चला है. अब उनका घर नहीं बचा. उनका कहना है कि कहां जाएं कुछ समझ में नहीं आ रहा है. उन्होंने अधिकारियों को बताया भी कि उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिली हुई है. कागज दिखाने के बाद भी उनकी एक न सुनी गई और उनके घर को जमीदोंज कर दिया गया. उनके बगल में रहने वाली महिला ने कहा कि हमें खाना बनाने का भी मौका नहीं दिया और हमें हमारे घर से बाहर निकाल दिया.

अशोक विहार में बुलडोजर एक्शन को लेकर झुग्गी में रहने वाली कविता देवी ने कहा कि उनके घर को बुलडोजर से गिरा दिया. उनकी किसी ने नहीं सुनी, उनका घर टूट गया. उनका कहना है कि वह लंबे समय से यहां पर रह रही थी और कोर्ट से स्टे का कागज दिखाने के बाद भी किसी ने भी उनकी एक न सुनी और बुलडोजर की कार्रवाई होती रही. कविता देवी कहा कि उनका घर का सारा सामान मलबे के नीचे दब गया और उनके पास न बर्तन बचे न कोई सामान, ऐसे में इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा. 

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वहीं यहां एक एक चौपाल है. जहां लोगों ने कहा कि जिन लोगों को हाइकोर्ट से स्टे मिला है. उनकी परेशानी तीन दिनों से और भी जाएगा बढ़ गई है. उनके पास न तो पीने का पानी बचा है. न ही घर में बिजली है. सार्वजनिक शौचालय को बंद कर दिया है. 

दरअसल, पिछले तीन दिनों से यहां बुलडोजर ड्राइव चलने के दौरान बिजली-पानी काट दिया गया था, लेकिन बुलडोजर ड्राइव बंद होने के बाद झुग्गियां जिन्हें कोर्ट से स्टे ऑर्डर मिला, वहां न बिजली कनेक्शन जोड़ा गया और न ही पानी की सप्लाई दी गई. यहां तक कि टैंकर भी नहीं भेजे गए. ये आरोप यहां लोग लगा रहा है. इसी वजह से लोग अपने रोजगार भी नहीं जा पा रहे हैं.

Input: राजू राज

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