Delhi Kalkaji Temple : पश्चिम बंगाल के दीघा में भगवान जगन्नाथ के मंदिर को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. विवाद की वजह मंदिर के प्रसाद की ठेकेदारी एक मुस्लिम व्यक्ति को दिए जाने का फैसला है. इस पर दिल्ली के प्रसिद्ध कलकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कड़ी आपत्ति जताई है.
कलकाजी पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कहा कि भगवान जगन्नाथ का प्रसाद बेहद पवित्र और शुद्ध माना जाता है. उन्होंने सवाल उठाया कि जो लोग गौ मांस का सेवन करते हैं, वे इस शुद्ध प्रसाद को कैसे बना सकते हैं. उनका कहना है कि ऐसे लोगों पर कई बार 'थूक जिहाद' जैसे आरोप भी लगे हैं. इसलिए प्रसाद की जिम्मेदारी ऐसे किसी व्यक्ति को देना, जो हिंदू धर्म और उसकी भावनाओं को नहीं मानता और ये गलत फैसला है. उन्होंने ममता बनर्जी सरकार से अपील की है कि यह ठेका तुरंत वापस लेकर किसी हिंदू को दिया जाए.
वहीं, विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी इस फैसले की तीखी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ का मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि एक समय भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी, क्योंकि मंदिर की परंपराएं बेहद सख्त और धर्म आधारित रही हैं. उन्होंने ममता सरकार पर 'जिहादी मानसिकता' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि अब क्या हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने के लिए 'थूक गैंग' मंदिर का प्रसाद तैयार करेंगे.
विनोद बंसल ने यह भी बताया कि उन्होंने ममता सरकार को इस मामले में पत्र लिखा है और मांग की है कि प्रसाद की जिम्मेदारी मुस्लिम व्यक्ति से वापस ली जाए ताकि हिंदुओं की भावना को ठेस न पहुंचे और मंदिर की पवित्रता बनी रहे. विवाद उस वक्त और बढ़ गया जब राज्य सरकार के एक मंत्री ने भगवान जगन्नाथ मंदिर की तुलना पेट्रोल से कर दी और कहा कि जिसे चाहिए वह ले. इस बयान पर भी हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई है. फिलहाल, यह मामला धार्मिक आस्था और राजनीति के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.
इनपुट- हरि किशोर साह
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