Delhi News: आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने बीजेपी सरकार से 10 साल पुरानी गाड़ियों को बचाने के लिए कानून लाने का दबाव बढ़ा दिया है. आतिशी का कहना है कि भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने का ड्रामा बंद करे और मिडिल क्लास के हित में एक सप्ताह के अंदर कानून लाए. अगर भाजपा कानून बनाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाती है तो आम आदमी पार्टी उसका समर्थन करेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा सुप्रीम कोर्ट इसलिए जाना चाहती हैं ताकि उसकी अपील कोर्ट में खारिज हो जाए और उसकी आड़ में छिप सके. अगर भाजपा एक सप्ताह में कानून नहीं लाती है तो दिल्ली के मीडिल क्लास, महिलाओं और बुजुर्गों में साफ हो जाएगा कि भाजपा की वाहन निर्माता, डीलर्स और स्क्रैपर्स से सांठगांठ है.
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता व दिल्ली विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि पिछले छह महीनों में भाजपा की सरकार ने दिल्ली के मिडिल क्लास को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है, मीडिल क्लास लंबे-लंबे पावर कट बिजली के बढ़ते दाम और प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती फीस से परेशान है. अब 10 साल पुरानी गाड़ियों पर बैन ने पूरे मिडिल क्लास को डरा दिया है.
आतिशी ने कहा कि मिडिल क्लास का सपना होता है कि मेहनत करके पैसे जोड़ेंगे, 5-7 साल के लोन पर सेकंड हैंड छोटी गाड़ी अपने परिवार के लिए खरीद लेंगे. भाजपा की चार इंजन वाली सरकार ने कभी महिलाओं को सुरक्षा नहीं दी. इसलिए महिलाएं गाड़ी खरीदने के लिए मजबूर हैं. क्योंकि सार्वजनिक परिवहन में महिलाएं के साथ बदतमीजी होती है. अब तो भाजपा ने बसों से मार्शल भी हटा दिए हैं. महिलाएं सड़क पर नहीं जा सकतीं, मेट्रो स्टेशन या बस स्टैंड से घर नहीं आ सकतीं, क्योंकि लड़के बदतमीजी करते हैं और पुलिस नहीं होती.
आतिशी ने कहा कि बुजुर्ग गाड़ी इसलिए खरीदते हैं, क्योंकि उन्हें सेफ्टी और सिक्योरिटी चाहिए. रात-बेरात कहीं जाना हो तो उन्हें साधन चाहिए. मिडिल क्लास, महिलाएं, बुजुर्ग अक्सर सेकंड हैंड गाड़ियां खरीदते हैं, लेकिन भाजपा ने 10 साल पुरानी गाड़ियों पर बैन लगा दिया और यह भी नहीं सोचा कि मिडिल क्लास, महिलाओं और बुजुर्गों का क्या होगा. यह भी नहीं देखा कि गाड़ी की माइलेज कितनी है, 50,000 किमी चली है या 2 लाख किमी, वेलमेंटेंड है या प्रदूषण फैलाती है. भाजपा ने कार स्क्रैपर्स, कार मैन्युफैक्चरर्स, कार रिटेलर्स और डीलर्स के साथ सांठगांठ करके 62 लाख परिवारों को नई गाड़ियां और टू-व्हीलर खरीदने के लिए मजबूर किया.
आतिशी ने कहा कि जब दिल्ली की जनता ने इसका विरोध किया, तो भाजपा ने फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया. भाजपा के पर्यावरण मंत्री कहते हैं कि मैं सीएक्यूएम को चिट्ठी लिख रहा हूं. कई साल पहले एक फिल्म आई थी, 'कार्तिक कॉलिंग कार्तिक', जहां कार्तिक खुद को कॉल करता था. भाजपा भी वही काम कर रही है. भाजपा अब भाजपा को ही चिट्ठी लिख रही है. भाजपा की दिल्ली सरकार, भाजपा की केंद्र सरकार के सीएक्यूएम को चिट्ठी लिख रही है कि हमारी बात सुनो. फिर सीएक्यूएम दिल्ली सरकार की चिट्ठी पर मीटिंग करेगा और वापस चिट्ठी लिखेगा. यह बिल्कुल 100 फीसदी फर्जीवाड़ा है. अगर भाजपा इस बैन को हटाना चाहती, तो हटा सकती थी. लेकिन वह ‘कार्तिक कॉलिंग कार्तिक’ फिल्म की तरह चिट्ठी-चिट्ठी का खेल खेल रही है.
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आतिशी ने कहा कि भाजपा की सरकार ने यह भी कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट में इतनी आस्था कहां से आ गई? क्योंकि भाजपा सुप्रीम कोर्ट के बड़े-बड़े आदेशों के बाद अध्यादेश और कानून लाई है. दिल्ली सर्विसेज पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला 8 साल बाद आया और 8 दिन में भाजपा की केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई. लेकिन जब पुरानी गाड़ियों, मिडिल क्लास, बुजुर्गों, महिलाओं की बात आई, तो भाजपा कहती है कि हम सुप्रीम कोर्ट को मानते हैं और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. दरअसल, भाजपा चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट उनकी अर्जी खारिज करे, फिर मुख्यमंत्री हाथ खड़े करके कहें कि कोर्ट का आदेश है. जब झुग्गियां तोड़ते हैं तो कहते हैं कि कोर्ट का आदेश है. यह नहीं बताते कि खुद आदेश लेने कोर्ट गए थे.
आतिशी ने कहा कि भाजपा ने 10 साल पुरानी गाड़ियों को लेकर जो कदम उठाए, वह 100 फीसदी फर्जीवाड़ा हैं. सीएक्यूएम को चिट्ठी लिखना, यानी भाजपा खुद को चिट्ठी लिख रही है. अगर फैसला लेना होता, तो ले चुके होते. सुप्रीम कोर्ट जाना भी सिर्फ केस को खारिज कराने के लिए है, ताकि कोर्ट के आदेश के पीछे छिप सकें. AAP की मांग है कि 10 साल पुरानी गाड़ियों पर तुरंत कानून लाया जाए. मिडिल क्लास, बुजुर्गों, महिलाओं के सिर पर लटकती तलवार हटे, जो किसी भी दिन उनकी गाड़ी जब्त कर सकती है, पेट्रोल बंद कर सकती है, घर से निकलना असुरक्षित कर सकती है या लाखों का खर्चा ला सकती है. इस तलवार को सिर्फ कानून ठीक कर सकता है.
आतिशी ने कहा कि हमारी मांग है कि भाजपा अगले एक हफ्ते में 10 साल पुरानी गाड़ियों के लिए कानून लाए. चाहे अध्यादेश के जरिए लाएं, चाहे दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर, विपक्ष उनका पूरा समर्थन करेगा. अगर कल विधानसभा सत्र बुलाना चाहें या अध्यादेश से गाड़ियां बचाना चाहें, तो विपक्ष तैयार है. लेकिन अगर कानून नहीं आया, तो यह तलवार लटकती रहेगी और सुप्रीम कोर्ट किसी भी अर्जी को खारिज कर देगा. कानून आएगा, तो सुप्रीम कोर्ट भी नए कानून के आधार पर फैसला देगा. भाजपा से मांग है कि फर्जीवाड़ा बंद करें, अगले हफ्ते में कानून लाएं.
आतिशी ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार है. एमसीडी, दिल्ली सरकार, पुलिस, सीएक्यूएम, केंद्र सरकार उनकी है. जैसे वे 8 दिन में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाए, वैसे ही वे कानून ला सकते हैं. अगर उनके कानूनी सलाहकार कहते हैं कि दिल्ली विधानसभा से नहीं पास होगा, तो संसद से पास करें. केंद्र सरकार से अध्यादेश लाएं. अगर वे मिडिल क्लास, महिलाओं, बुजुर्गों को बचाने के लिए कानून नहीं लाते, तो साफ है कि उनकी कार मैन्युफैक्चरर्स, डीलर्स, स्क्रैपर्स के साथ सांठगांठ है. यह दिल्ली वालों को साफ दिखेगा.
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