Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ( सीएक्यूएम ) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में जीवन-अंत (ईओएल) वाहनों के संबंध में नीति के कार्यान्वयन पर 1 नवंबर तक रोक लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने लोगों की चिंताओं को उठाया था और आयोग ने इसका संज्ञान लिया.
पत्रकारों से बात करते हुए, सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकारों ने लोगों की इस समस्या को कभी नहीं समझा. उन्होंने न तो प्रदूषण पर काम किया और न ही नीति पर. जब सीएक्यूएम ने यह आदेश जारी करने का फैसला किया. अदालत के फैसले को भी आदेश में शामिल किया गया, तो हमने दिल्ली के लोगों के सामने आने वाली समस्या को सामने रखा और उन्हें अन्याय का सामना नहीं करना चाहिए. हमारे रुख का संज्ञान लेते हुए उन्होंने 1 नवंबर 2025 तक इस आदेश को रोक दिया है और हम दिल्ली के लोगों को राहत देने की दिशा में भी काम करेंगे. यह सारा अराजकता पिछली सरकार द्वारा बनाई गई थी और हमारी सरकार इसे हल करने की दिशा में काम करेगी. सीएक्यूएम ने कहा कि सभी अंतिम आयु (ईओएल) वाहनों को 1 नवंबर, 2025 से दिल्ली और 5 उच्च वाहन घनत्व वाले जिलों गुरुग्राम , फरीदाबाद , गाजियाबाद , गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत में तथा 01 अप्रैल, 2026 से शेष एनसीआर में ईंधन भरने से मना कर दिया जाएगा.
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यह निर्णय दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा इस मुद्दे को उठाने और दिल्ली सरकार द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबंधन केंद्र ( सीएक्यूएम ) से आदेश के क्रियान्वयन में देरी करने के अनुरोध के एक दिन बाद आया है. कार्यान्वयन से संबंधित चुनौतियों का हवाला देते हुए यह अनुरोध किया गया था. एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की 24वीं बैठक टॉलस्टॉय मार्ग स्थित इसके कार्यालय में आयोजित की गई. बैठक के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) द्वारा उठाए गए निर्देश संख्या 89 के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया. सीएक्यूएम द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार , ईओएल वाहनों को 1 नवंबर, 2025 तक पंपों से ईंधन प्राप्त करना जारी रखने की अनुमति देने के लिए निर्देश संख्या 89 में संशोधन किया जाएगा.
बयान में कहा गया है कि एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता आयोग ( सीएक्यूएम ) की 24वीं बैठक आज आयोजित की गई, जिसके दौरान जीएनसीटीडी द्वारा जारी निर्देश संख्या 89 के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया. दिल्ली सरकार ने 3 जुलाई को लिखे पत्र में 23 अप्रैल, 2025 के निर्देश संख्या 89 के कार्यान्वयन में कुछ परिचालन और ढांचागत चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया था. पत्र में कहा गया है कि स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) प्रणाली में अपेक्षित मजबूती का अभाव है, जिसमें तकनीकी गड़बड़ियां, अनुचित कैमरा प्लेसमेंट, खराब सेंसर और स्पीकर, तथा पड़ोसी एनसीआर राज्यों के डेटाबेस के साथ पूर्ण एकीकरण का अभाव शामिल है.