Delhi News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को जामिया हिंसा मामले में आसिफ इकबाल तन्हा की उस याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ आरोप तय करने के आदेश को चुनौती दी गई है. यह मामला दिसंबर 2019 में सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान जामिया इलाके में हुई हिंसा से जुड़ा है.
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है. पीठ ने इस मामले को शरजील इमाम और अन्य द्वारा दायर दो याचिकाओं के साथ 13 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है.
साकेत कोर्ट ने 7 मार्च को आसिफ इकबाल तन्हा, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी रूप से जमावड़ा, दंगा, साजिश, आगजनी, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने आदि के आरोपों में आरोप तय किए थे.
यह तर्क दिया गया है कि तय किए गए आरोप मनमाने हैं और उनमें तथ्यों का गहन विश्लेषण नहीं है. दूसरी ओर, निचली अदालत ने कहा था कि आसिफ इकबाल तन्हा का नाम एफआईआर में दर्ज है. उन पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप है.
शरजील इमाम ने आरोप तय करने को भी चुनौती दी है. उन्होंने जामिया में दिए गए भाषण से जुड़े दो मामलों में अपने अभियोजन को चुनौती देते हुए एक याचिका भी दायर की है. यह दलील दी गई है कि यही भाषण साकेत कोर्ट में 2019 की एफआईआर का विषय है, जिसमें आरोप तय किए गए हैं.
यह भी दलील दी गई है कि जामिया में दिया गया यही भाषण, अन्य भाषणों के साथ, 2020 की एफआईआर का विषय है. यह मामला कड़कड़डूमा कोर्ट में लंबित है और अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के चरण में है. शरजील इमाम यूएपीए के तहत दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में भी आरोपी है.
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