Delhi Kanwar Yatra 2025: मुख्यमंत्री ने कहा कि सावन मास में कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था और सेवा का प्रतीक है. हमारा लक्ष्य है कि हर शिवभक्त को सम्मान और सुविधा मिले और इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि शिवभक्तों के पांव में एक कंकड़ भी न चुभे, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है.
आज कैबिनेट बैठक में आगामी कांवड़ यात्रा को भव्य, दिव्य और पारदर्शी बनाने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया।
अब इस पवित्र यात्रा में देवतुल्य शिवभक्तों की सेवा में जुटी पंजीकृत समितियों को आर्थिक सहायता सीधे DBT के माध्यम से दी जाएगी। सभी अनुमतियाँ सिंगल विंडो सिस्टम से 72 घंटे… pic.twitter.com/p5gAGKLRFv
— Rekha Gupta (@gupta_rekha) June 24, 2025
दिल्ली सरकार ने सावन माह के दौरान कांवड़ियों की सेवा करने वाली समितियों को सशक्त बनाने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई सरकार की कैबिनेट ने कई निर्णय लिए गए. अब कांवड़ियों को आर्थिक सहायता के रूप में 50 हजार से 10 लाख रुपये दिए जाएंगे. शिविर लगाने वाली समितियों को सरकार की ओर से 1200 यूनिट बिजली फ्री भी मिलेगी. शिविर लगाने के लिए टेंडर सिस्टम समाप्त कर दिया है और समितियों को जल्द सुविधाएं देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया है. दिल्ली सरकार ने ऐसे आयोजनों को सहयोग व निगरानी के लिए 'मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति' के गठन का भी निर्णय लिया है.
कांवड़ समितियों को मिलेगा DBT के माध्यम से धन राशि
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि कांवड़ समितियों को अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से ग्रांट इन ऐड प्रदान किया जाएगा, जिससे पुरानी टेंडर प्रणाली समाप्त होगी और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि यह कदम पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाएगा, ताकि शिवभक्तों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें. साथ ही ग्रांट इन ऐड का लाभ केवल पंजीकृत समितियों को मिलेगा, जिनके पास पैन नंबर, बैंक विवरण और पंजीकरण प्रमाणपत्र जैसी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध रहेंगी.
50 हजार से 10 लाख तक मिलेगी अनुदान राशि
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि कांवड़ शिविरों को उनके टेंटिंग एरिया और शिविर के संचालन के दिनों की संख्या के आधार पर श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, ताकि सहायता राशि को व्यवस्थित और पारदर्शी रूप से प्रदान किया जा सके. समिति को कम से कम 50,000 रुपये और अधिकतम 10 लाख रुपये तक की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि कांवड़ समितियों को अनुदान की कुल राशि का 50% एडवांस में दिया जाएगा, जबकि शेष 50% तभी जारी होगा जब समिति उपयोगिता प्रमाणपत्र (UC), एसडीएम या तहसीलदार द्वारा जियो-टैग फोटो सहित सत्यापन, और पूर्ण ऑडिट दस्तावेज जमा कर देगी.
'मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति' का होगा गठन
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष एक मंत्री समूह का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा करेंगे और इसमें चार विधायक शामिल होंगे, जो शिविरों की सूची को अंतिम रूप देंगे. साथ ही जल्द ही एक नई समिति 'मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति' का गठन किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि सभी जिलों में सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित किया जाएगा, जहां डीएम की देखरेख में अनुमति और NOC एक ही स्थान से सरल और समयबद्ध तरीके से 72 घंटो के भीतर मिल सकेंगी. उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था कांवड़ समितियों के लिए सुविधाजनक होगी और समय की बचत करेगी.
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कांवड़ियों को मिलेगी ये खास सुविधा
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि सचिव, राजस्व सह डिविजनल कमिश्नर के द्वारा अंतर-विभागीय समन्वय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, दमकल सेवा, एमसीडी, स्वास्थ्य, डीडीए , परिवहन, और बिजली विभाग सहित सभी आवश्यक विभाग सक्रिय रूप से शामिल होंगे. कांवड़ समितियों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे अपने कैंप में वाटरप्रूफ टेंट, शामियाना, बिस्तर, मंच, बैरिकेडिंग, सीसीटीवी , कन्नात, पंखा, कूलर, लाइट की व्यवस्था, अग्निशमन यंत्र, और समुचित साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
1200 यूनिट तक बिजल मुफ्त
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि हर पंजीकृत समिति को 1200 यूनिट तक बिजली सरकार द्वारा फ्री प्रदान की जाएगी. उन्होंने बताया कि निगरानी के लिए एसडीएम या तहसीलदार द्वारा कैंप का जियो-टैग फोटो सहित सत्यापन होगा और आयोजन की तिथि से 3 महीने के भीतर उपयोगिता प्रमाणपत्र (UC) और ऑडिट रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य होगा. इसके अतिरिक्त यदि किसी समिति द्वारा गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा किया गया तो उनपर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
यातायात और सुरक्षा के किए जाएंगे पुख्ता इंतजाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान यातायात और सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए सभी संबंधित एजेंसियों और पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय कर व्यापक योजना तैयार कर ली गई है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पैदल यात्रा करने वाले शिवभक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कांवड़ शिविरों में सिविल डिफेंस और होमगार्ड के वॉलंटियर्स की तैनाती की जाएगी, जो वहां जाकर सेवाएं प्रदान करेंगे और व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे.
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