Delhi Development Authority: दिल्ली का नरेला अब एक नई पहचान की ओर बढ़ रहा है. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की योजना है कि नरेला उपनगरी का नाम बदलकर 'विंध्याचल' रखा जाए. डीडीए का मानना है कि यह नाम उपनगरी को एक नई छवि और पहचान देगा, जो इसके विकास और सुंदरता को और बेहतर तरीके से दर्शा सकेगा.
डीडीए अधिकारियों के अनुसार नरेला को अब एक आधुनिक हरा-भरा और पर्यावरण-अनुकूल शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां बड़े खुले मैदान, हरियाली और शिक्षा संस्थानों की मौजूदगी इसे एक खास स्थान बनाती है. यही कारण है कि डीडीए इसे एक नया नाम देना चाहता है, जो इसकी आधुनिक सोच और भविष्य की योजनाओं से मेल खाता हो. 'विंध्याचल' नाम चुनने के पीछे विचार यह है कि यह नाम भारतीय संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता दोनों का प्रतीक है. हालांकि नरेला गांव जो कि इस उपनगरी का मूल नाम है, उसका नाम वैसा ही रहेगा. डीडीए ने साफ किया है कि गांव की पहचान से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, बल्कि उपनगरी को नया नाम दिया जाएगा.
डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नरेला में शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से काम हो रहा है. हाल ही में यहां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और इंदिरा गांधी तकनीकी महिला विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों को जमीन दी गई है. मार्च में नरेला में एक बड़ा खेल परिसर (स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स) भी प्रस्तावित किया गया है. इन सबका उद्देश्य नरेला को एक शिक्षा और खेल का हब बनाना है. डीडीए की यह परियोजना रोहिणी और द्वारका की तरह दिल्ली की तीन प्रमुख मेगा परियोजनाओं में से एक है. हालांकि, अब तक नरेला को उतनी लोकप्रियता नहीं मिल पाई थी क्योंकि इसकी दिल्ली के अन्य हिस्सों से कनेक्टिविटी कमजोर थी. लेकिन पिछले साल केंद्र सरकार ने रिठाला-नरेला-नाथूपुर मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी दी है, जिससे अगले कुछ वर्षों में यहां की कनेक्टिविटी बेहतर होगी.
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