Delhi News: प्रधानमंत्री के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के नारे को एक पिता ने जीवंत कर दिखाया है. इस पिता ने धर्मनगरी अयोध्या से पवित्र गंगाजल लेकर एक ऐसी अनोखी कांवड़ यात्रा शुरू की है, जो लाखों शिवभक्तों की भीड़ में अलग ही नजर आ रही है. जहां एक ओर पवित्र गंगाजल है, वहीं दूसरी ओर उनकी नन्ही बेटी कांवड़ में विराजमान है.
पिता ने की मन्नत
यह पिता अपनी बेटी के उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ हरिद्वार से दिल्ली के राजौरी गार्डन की ओर पैदल यात्रा कर रहे हैं. जब जी मीडिया ने इस पिता से बात की, तो उन्होंने बताया कि चार साल पहले उनकी बेटी की तबीयत बहुत खराब हो गई थी. उस समय पिता ने भगवान शंकर के चरणों में मन्नत मांगी थी कि यदि उनकी पुत्री स्वस्थ हो जाएगी तो वे अपनी पुत्री के वजन के बराबर गंगाजल लेकर हरिद्वार से दिल्ली तक कांवड़ यात्रा करेंगे और साथ ही बेटी को भी साथ लेकर चलेंगे.आपने श्रवण कुमार की कथा तो सुनी ही होगी, जिन्होंने अपने माता-पिता को कंधों पर बिठाकर तीर्थ यात्रा कराई थी. ठीक उसी प्रकार यह पिता भी अपनी बेटी को लेकर हरिद्वार से निकले हैं.
दिल्ली में कांवड़ यात्रा की तैयारी
दिल्ली के शाहदरा इलाके में इस बार कांवड़ यात्रियों के कई रंग देखने को मिले,दिल्ली सरकार के सहयोग से राजधानी में 374 कांवड़ शिविर लगाए गए हैं./ इसके अतिरिक्त, कॉलोनियों में सैकड़ों की संख्या में छोटे-छोटे कांवड़ शिविर भी लगाए गए हैं. दिल्ली के मुख्य मार्गों और प्रवेश द्वारों पर 17 स्वागत द्वार बनाए गए हैं. इनमें से एक, दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बना 'महादेव द्वार', विशेष आकर्षण का केंद्र है.
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Input- Raj Kumar Bhati