Delhi News: द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) पर अब तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना होगा मुश्किल. ऐसा इसलिए,क्योंकि तेज गाड़ी चलाने पर चालान मैन्युअली नहीं, बल्कि ऑटोमैटिक सिस्टम से कटेगा. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस काम के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) लागू किया है. इसका ट्रायल अभी चल रहा है. अगले 15 दिनों में यह परीक्षण पूरा हो जाएगा, जिसके बाद सिस्टम पूरी तरह चालू हो जाएगा.
यहां लगे कैमरे
इस परियोजना के तहत हाईवे पर 190 CCTV कैमरे लगाए गए हैं. यह कैमरे नियम उल्लंघन की निगरानी कर रहे हैं. ये कैमरे तेज रफ्तार, बिना सीट बेल्ट ड्राइविंग, बिना हेलमेट बाइकिंग, ट्रिपल राइडिंग, गलत लेन, अवैध पार्किंग जैसे कुल 11 तरह के ट्रैफिक उल्लंघनों पर नजर रखते हैं. एनएचएआई ने दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस के सहयोग से 56.46 किमी लंबे रूट पर यह सिस्टम तैयार किया है, जिसमें द्वारका एक्सप्रेसवे और महिपालपुर से खेड़की दौला टोल तक का हिस्सा शामिल है.
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हर दिन 600 चालान
ट्रायल के दौरान सामने आया है कि रोजाना औसतन 600 चालान जारी किए जा रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले स्पीड लिमिट के उल्लंघन और दोपहिया वाहनों से जुड़े हैं. केवल द्वारका एक्सप्रेसवे पर ही हर दिन 200 से ज्यादा वाहन तय गति सीमा से तेज चलते पाए जा रहे हैं. इस ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम को संचालित करने के लिए एक कमांड सेंटर बनाया गया है, जहां 50 लोगों की टीम 3 शिफ्टों में काम कर रही है. यह टीम सुपरवेव कम्युनिकेशन नामक ठेकेदार कंपनी द्वारा नियुक्त की गई है. NHAI का उद्देश्य है कि इस तकनीक के माध्यम से सड़क पर होने वाले हादसों को कम किया जा सके और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो.
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