trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana02791759
Home >>दिल्ली/एनसीआर

Earthquake In Delhi: भूकंप से हिली राजधानी... रिक्टर स्केल पर 2.3 की तीव्रता, गहराई 5 किलोमीटर

Earthquake: दक्षिण-पूर्व दिल्ली के नीचे लगभग 5 किलोमीटर गहराई से आई इस थरथराहट ने रिक्टर स्केल पर भले ही केवल 2.3 की तीव्रता दिखाई, लेकिन जिन लोगों ने इसे महसूस किया. उनके लिए यह चुपचाप गुजरने वाला एक डरावना पल बन गया. कई लोग नींद से हड़बड़ाकर उठे, कुछ ने सोशल मीडिया पर चिंता जताई, तो कुछ बस खामोशी से इस अनुभव को यादों में दर्ज कर गए.

Advertisement
Earthquake In Delhi: भूकंप से हिली राजधानी... रिक्टर स्केल पर 2.3 की तीव्रता, गहराई 5 किलोमीटर
Earthquake In Delhi: भूकंप से हिली राजधानी... रिक्टर स्केल पर 2.3 की तीव्रता, गहराई 5 किलोमीटर
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Jun 08, 2025, 10:12 AM IST
Share

Earthquake In Delhi: दिल्ली में रविवार की मध्य रात्रि जब पूरा शहर गहरी नींद में सो रहा था, तभी धरती अचानक थोड़ी देर के लिए कांप उठी. यह हल्का सा झटका था, लेकिन जिसने भी इसे महसूस किया वह पल भर को सहम सा गया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार यह भूकंप रात 1 बजकर 27 मिनट पर आया और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.3 मापी गई.

दक्षिण-पूर्व दिल्ली रहा भूकंप का केंद्र 
भूकंप का केंद्र दक्षिण-पूर्व दिल्ली रहा और यह धरती की सतह से लगभग 5 किलोमीटर की गहराई में था. हालांकि, झटका बहुत हल्का था और अधिकांश लोगों को इसका अहसास भी नहीं हुआ. लेकिन जिन कुछ लोगों ने इसे महसूस किया, उनके लिए यह अनुभव असहज और चिंता से भरा रहा. फिलहाल किसी तरह की जान-माल की हानि की कोई सूचना नहीं है, जो राहत की बात है. फिर भी यह झटका एक चेतावनी की तरह है कि हम एक ऐसे क्षेत्र में रहते हैं, जहां धरती की हलचलें कभी भी बड़े खतरे का रूप ले सकती हैं.

भूकंप क्यों आते हैं?
धरती के भीतर सात बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं जो लगातार हिलती-डुलती रहती हैं. जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो उनमें तनाव पैदा होता है. यह तनाव जब बहुत अधिक हो जाता है, तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और धरती के भीतर की ऊर्जा बाहर निकलती है. इसी ऊर्जा के बाहर आने से धरती पर कंपन होता है, जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं.

भूकंप का केंद्र और तीव्रता क्या होती है?
भूकंप का ‘एपिसेंटर’ वह स्थान होता है जहां धरती के नीचे प्लेट्स की हलचल सबसे अधिक होती है. यहीं से झटकों की शुरुआत होती है. एपिसेंटर से जितना पास का इलाका होता है. वहां झटका उतना ही तेज महसूस होता है. भूकंप की तीव्रता को ‘रिक्टर स्केल’ पर मापा जाता है. स्केल पर 1 से 9 तक की तीव्रता मानी जाती है, जिसमें 2.3 जैसी तीव्रता को बहुत हल्का समझा जाता है.

भविष्य के लिए चेतावनी
हालांकि यह भूकंप हल्का था, लेकिन यह हमें आगाह करता है कि प्राकृतिक आपदाएं बिना किसी पूर्व सूचना के आ सकती हैं. इसलिए जरूरी है कि हम हमेशा सतर्क रहें और ऐसी घटनाओं से निपटने की तैयारी रखें.

ये भी पढ़िए- PM के लिए मित्रों का व्यापार जरूरी या देश के लिए आने वाले हथियार: संजय सिंह

Read More
{}{}