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Haryana News: हरियाणा के CM ने फसल के नुकसान के लिए 52.14 करोड़ रुपये का जारी किया मुआवजा

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को 31 जुलाई, 2025 को 22,617 लाभार्थी किसानों को 52.14 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी की, जिनकी रबी फसलें 2025 सीजन के दौरान ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थीं. 

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Haryana News: हरियाणा के CM ने फसल के नुकसान के लिए 52.14 करोड़ रुपये का जारी किया मुआवजा
Deepak Yadav|Updated: Aug 01, 2025, 10:20 AM IST
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Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को 31 जुलाई, 2025 को 22,617 लाभार्थी किसानों को 52.14 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी की, जिनकी रबी फसलें 2025 सीजन के दौरान ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थीं.

एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि फसल मुआवजे की गणना क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से एकत्र किए गए व्यापक फसल क्षति के आंकड़ों के आधार पर की गई है, जिसे दिसंबर 2024 और मार्च 2025 के बीच चालू किया गया था. राज्य भर के किसानों ने पोर्टल पर अपना नुकसान दर्ज कराया, जिसके बाद सावधानीपूर्वक आकलन और सत्यापन किया गया. हरियाणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वेबसाइट के शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि भौतिक सत्यापन के माध्यम से लगभग 57,485 एकड़ भूमि मुआवजे के लिए पात्र पाई गई. उन्होंने कहा कि मूल्यांकन में राज्य के 15 जिलों अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर , जिंद, कैथल, कुरूक्षेत्र, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, रेवाडी , रोहतक और यमुनानगर को शामिल किया गया और प्रभावित कृषक समुदायों को समर्थन देने के लिए तदनुसार वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई. 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में रेवाड़ी को सबसे अधिक 19.92 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला है, इसके बाद महेंद्रगढ़ को 10.74 करोड़ रुपये, झज्जर को 8.33 करोड़ रुपये, गुरुग्राम को 4.07 करोड़ रुपये, चरखी दादरी को 3.67 करोड़ रुपये तथा भिवानी को 2.24 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला है. अन्य जिलों को उनके सत्यापित प्रभावित क्षेत्रों और पंजीकृत किसानों के आधार पर अलग-अलग राशि प्राप्त हुई. इस मुआवजे का उद्देश्य 2025 के रबी सीजन के दौरान चरम मौसम की स्थिति से होने वाले नुकसान की भरपाई में किसानों की सहायता करना है. मुआवजे की राशि की गणना सत्यापित प्रभावित क्षेत्र के आधार पर और आपदा राहत के सरकारी मानदंडों के अनुसार की गई थी. जिला प्रशासन ने दावों की पुष्टि करने और पात्र लाभार्थियों को धनराशि शीघ्र जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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