Haryana Government: हरियाणा में बिजली बिलों में वृद्धि के मुद्दे पर हंगामा मच गया है. सरकार ने स्वीकार किया है कि बिजली बिलों में तीन से नौ प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. जबकि विपक्ष का दावा है कि बिजली के दाम लगभग तीन गुना बढ़ गए हैं.
हरियाणा में बिजली के बिलों में वृद्धि का मुख्य कारण स्लैब में बदलाव और तय शुल्क (फिक्स्ड चार्ज) में इजाफा है. इस बदलाव के कारण बिजली के बिल 9 से 30 प्रतिशत तक महंगे हो गए हैं. न्यूनतम मासिक शुल्क समाप्त कर पहली बार तय शुल्क लगाने से बिजली दरों में तेजी आई है. इससे उपभोक्ताओं पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है. जिन उपभोक्ताओं की खपत पांच किलोवाट से अधिक है, उन पर सबसे बड़ा बोझ पड़ा है. पहले 50 यूनिट से अधिक खपत पर बिल की दर 2.50 रुपये से लेकर 6.30 रुपये प्रति यूनिट थी. अब संशोधन के बाद यह दर 6.50 से 7.50 रुपये तक पहुंच गई है. इससे उपभोक्ताओं के लिए बिजली के बिलों का भुगतान करना और भी मुश्किल हो गया है.
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घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए स्लैब को लोड के अनुसार बदला गया है. पहले 151-250 यूनिट के स्लैब को बदलकर 151 से 300 यूनिट तक कर दिया गया है. इसी प्रकार, 251 से 500 यूनिट के स्लैब को अब 301 से 500 यूनिट का स्लैब बना दिया गया है. इससे बिजली के बिलों में बेहिसाब बढ़ोतरी हुई है. उपभोक्ताओं को सबसे बड़ा झटका तय शुल्क से लगा है. 301 से 500 यूनिट खर्च करने पर 50 रुपये प्रति किलोवाट और 500 यूनिट से अधिक खर्च करने पर 75 रुपये प्रति किलोवाट का फिक्स चार्ज लगाया जा रहा है. इससे बिल में 375 से 450 रुपये तक की सीधी बढ़ोतरी हो गई है. पहले घरेलू बिजली पर तय शुल्क नहीं लगता था, लेकिन अब उपभोक्ताओं को दोनों का भुगतान करना पड़ रहा है.