Delhi News: दिल्ली में 1 जुलाई से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा. यह कदम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशों के तहत उठाया जा रहा है. परिवहन विभाग ने इस नीति को लागू करने के लिए विस्तृत योजना बनाई है. इसके अंतर्गत दिल्ली पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और दिल्ली नगर निगम के कर्मियों के साथ मिलकर कार्य किया जाएगा. इन सभी विभागों के सहयोग से नियमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा.
दिल्ली में चिन्हित 350 पेट्रोल पंपों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी. यह सुनिश्चित करने के लिए कि नियमों का पालन हो रहा है, प्रत्येक पेट्रोल पंप पर एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी तैनात होगा. इसके अलावा कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर पेट्रोल पंप पर दो अतिरिक्त पुलिसकर्मी भी तैनात किए जाएंगे. परिवहन विभाग ने प्रवर्तन दस्तों की तैनाती रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है. 1 से 100 नंबर वाले पेट्रोल पंपों पर दिल्ली पुलिस के जवान तैनात होंगे, जबकि 101 से 159 नंबर वाले पंपों पर परिवहन विभाग की 59 विशेष टीमें कार्य करेंगी. इन टीमों का मुख्य उद्देश्य निर्धारित समय से अधिक पुराने वाहनों पर निगरानी रखना और उन्हें ईंधन भरने से रोकना होगा.
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त किया जाएगा और उनके मालिकों को चालान जारी किया जाएगा. यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी नियमों का पालन हो रहा है. पुलिसकर्मी लगातार पेट्रोल पंपों पर नजर रखेंगे. सीएक्यूएम ने दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए यह निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा. यह आदेश उन वाहनों पर भी लागू होगा, जिनका पंजीकरण किसी भी राज्य में हुआ हो.
दिल्ली सरकार ने 17 जून को ऐसे वाहनों में ईंधन भरने पर प्रतिबंध लगाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की थी. इस एसओपी के अनुसार, सभी पेट्रोल पंपों को ऐसे वाहनों से जुड़े ईंधन लेनदेन का एक लॉग बनाना होगा, चाहे वह मैनुअल हो या डिजिटल. डीटीआईडीसी को पेट्रोल पंपों पर स्थापित स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरा सिस्टम के प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है. पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा इन नियमों का पालन न करने पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 192 के तहत जुर्माना लगाया जाएगा. यह नियम 2018 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद लागू किया गया था, जिसमें 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था.