Delhi News: दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए 20 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है. यह कॉरिडोर इंद्रलोक से बवाना के बीच मुनक नहर के साथ बनाया जाएगा, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा. इस परियोजना से न केवल दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि उत्तर, उत्तर-पश्चिम और आउटर रिंग रोड पर ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस योजना को लेकर गुरुवार को लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा के साथ बैठक की. इस बैठक में परियोजना की रूपरेखा और कार्यान्वयन की चर्चा की गई. अधिकारियों का मानना है कि इस कॉरिडोर से 18 विधानसभा क्षेत्रों को लाभ होगा, जिसमें किराड़ी, बवाना, नरेला, और शालीमार बाग जैसे क्षेत्र शामिल हैं. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) इस परियोजना का निर्माण करेगी. डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में तीन महीने का समय लगेगा. इस योजना की अनुमानित लागत 3,000 करोड़ रुपये आंकी गई है, लेकिन डीपीआर तैयार होने के बाद वास्तविक लागत का पता चलेगा.
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इस एलिवेटेड रोड का निर्माण संकरी सड़कों और ट्रैफिक के भारी दबाव को कम करेगा. यह बाहरी इलाकों जैसे बवाना, नरेला और रोहिणी को इंद्रलोक जैसे क्षेत्रों से सिग्नल-फ्री यानि बिना किसी रुकावट के जोड़ेगा. इससे यात्रा का समय 40 फीसदी तक कम हो जाएगा, जो दिल्लीवासियों के लिए एक बड़ी राहत होगी. दिल्ली सरकार मुनक नहर के 20 किलोमीटर के हिस्से का रखरखाव करने को तैयार है. मुख्यमंत्री ने हरियाणा सरकार के अधिकारियों के साथ इस विषय पर बैठक की है. नहर का रखरखाव और आसपास की जमीन वर्तमान में हरियाणा सरकार के पास है.
पीडब्ल्यूडी इंजीनियर और एनएचएआई के सलाहकार एलिवेटेड रोड के लिए शुरुआती सर्वे और रूट अलाइनमेंट का काम शुरू कर चुके हैं. इस परियोजना से दिल्ली के नागरिकों को न केवल बेहतर यातायात व्यवस्था मिलेगी, बल्कि इससे आर्थिक विकास में भी सहायता मिलेगी.