Delhi News: दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने सत्ता में रहते हुए खराब गुणवत्ता वाली सड़कें बनाई थीं. प्रवेश वर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक दिन में 3,400 गड्ढे भरने और एक साल में कम से कम 500 किलोमीटर सड़क बनाने की पहल शुरू की गई है. वर्मा ने यह टिप्पणी साकेत स्थित प्रेस एन्क्लेव क्षेत्र में सड़क पर गड्ढे भरने के कार्य का निरीक्षण करते हुए की.
मंत्री ने बताया कि हमारी प्रतिबद्धता दिल्ली के लोगों को अच्छी सड़कें देने की है. हमने एक दिन में 3400 गड्ढे भरने की पहल की है और सुबह 11 बजे तक हमने उनमें से 50% भर दिए हैं. हम शाम तक सभी गड्ढे भर देंगे. एक गड्ढा भरने में 20 मिनट लगते हैं. 500 किलोमीटर सड़क निर्माण की योजना के बारे में उन्होंने कहा कि अब तक 150 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है तथा सभी सड़कों पर पुनः कालीन बिछाई जाएगी तथा क्षेत्रों में जलभराव को रोकने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है - हमने 150 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई हैं और इस वर्ष 500 किलोमीटर का लक्ष्य रखा है.
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प्रवेश वर्मा ने कहा कि पिछली सरकार ने घटिया गुणवत्ता वाली सड़कें बनाईं. हम सभी सड़कों की फिर से कालीन बिछाएंगे. जहां भी जलभराव हुआ, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई और डीडीए की हमारी टीमों ने उस पर काम किया. हम विश्लेषण कर रहे हैं कि जलभराव क्यों होता है. इससे पहले वर्मा ने शहर में जलभराव की हालिया चिंताओं पर बात की थी और दावा किया था कि मानसून के दौरान अक्सर बाढ़ के लिए बदनाम मिंटो ब्रिज, समय पर की गई सरकारी कार्रवाई के कारण हाल की बारिश में भी अप्रभावित रहा. आप नेता और दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी पर कटाक्ष करते हुए वर्मा ने कहा कि उन्होंने बारिश के बाद बहुत सारी तस्वीरें दिखाईं, लेकिन उनमें से किसी में भी मिंटो ब्रिज शामिल नहीं था. उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि हाल ही में जब बारिश हुई तो मिंटो ब्रिज पर पानी नहीं भरा. हम अपने अल्पकालिक लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं, जिन्हें एक महीने में पूरा किया जा सकता है, जिनमें से एक मिंटो ब्रिज भी है. आतिशी ने बारिश के बाद बहुत सारी तस्वीरें दिखाईं, लेकिन उनमें मिंटो ब्रिज की तस्वीर शामिल नहीं थी. वर्मा ने आप पर मुंडका जैसे जलभराव वाले क्षेत्रों की चुनिंदा तस्वीरें दिखाने का भी आरोप लगाया, जबकि उन स्थानों पर बुनियादी जल निकासी ढांचे की कमी का खुलासा नहीं किया गया.