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YEIDA का ऐतिहासिक फैसला, किसानों की मेहनत को मिला सही मूल्य

Yamuna Authority: मास्टर प्लान 2041 में गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर इन दोनों जिलों के गांवों को साथ लाकर नए सेक्टरों का खाका खींचा गया. उम्मीदें तो बहुत जगीं, लेकिन मुआवजा दर तय न होने के कारण किसानों के सपनों की जमीन अधर में लटक गई थी. औद्योगिक सेक्टरों की रचना तो हो गई थी, लेकिन खेतों की मिट्टी अभी तक किसानों की मुट्ठी में ही थी.

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YEIDA का ऐतिहासिक फैसला, किसानों की मेहनत को मिला सही मूल्य
YEIDA का ऐतिहासिक फैसला, किसानों की मेहनत को मिला सही मूल्य
Zee News Desk|Updated: Jun 12, 2025, 06:20 AM IST
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Land Acquisition Noida: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने पहली बार जिले में अधिसूचित क्षेत्र की जमीनों के लिए मुआवजा दर तय कर दी है. अब बुलंदशहर के किसानों को भी गौतमबुद्ध नगर की तर्ज पर मुआवजा मिलेगा. इससे किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है और वे खुद को अब न्याय के करीब महसूस कर रहे हैं.

YEIDA के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह अहम फैसला लिया गया. इस बैठक में विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी, एआईजी स्टांप, एसीईओ, जीएम वित्त और तहसीलदार समेत कई अधिकारी शामिल थे. बैठक में तय किया गया कि किसानों को जमीन के बदले 4300 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा दिया जाएगा. यदि किसान सात प्रतिशत आबादी भूखंड लेना चाहते हैं, तो उन्हें 3808 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा मिलेगा. अब तक मुआवजा दर तय न होने की वजह से बुलंदशहर के अधिसूचित गांवों में किसानों से सहमति के आधार पर जमीन नहीं खरीदी जा सकी थी, लेकिन अब इस फैसले से जमीन खरीद की प्रक्रिया आसान हो गई है. किसानों को अब इंतजार नहीं करना होगा, उन्हें गौतमबुद्ध नगर के बराबर का हक मिलेगा.

YEIDA के मास्टर प्लान 2041 में बुलंदशहर के कई गांवों को शामिल किया गया है, खासकर खुर्जा और सिकंद्राबाद के इलाके से. साल 2023 में ही बुलंदशहर के 55 गांवों को प्राधिकरण में जोड़ा गया था, जिससे अब प्राधिकरण का दायरा दिल्ली-हावड़ा रेल कॉरिडोर तक पहुंच गया है. इन गांवों में अब नियोजित सेक्टरों के लिए जमीन खरीदी जाएगी और किसानों को उसी आधार पर मुआवजा दिया जाएगा. इस फैसले से नोएडा एयरपोर्ट और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर को जोड़ने वाली प्रस्तावित सड़क परियोजनाओं को भी मजबूती मिलेगी. अब बुलंदशहर के किसानों को भी विकास में भागीदारी का समान अवसर मिलेगा. यह फैसला न केवल मुआवजा दर को लेकर हो रहे असंतुलन को खत्म करेगा, बल्कि किसानों के भविष्य को भी सुरक्षित बनाएगा.

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