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Toxic Yamuna: यमुना में तड़प-तड़पकर मर रही जल की रानी, लोगों की गुहार-इन्हें बचा लो सरकार

दिल्ली चुनाव आते ही यमुना में प्रदूषण का मुद्दा एक बार फिर उबाल मारने लगा है. इसे लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है. सियासत की इस बयार में संवेदना दम तोड़ती दिख रही है. दिल्ली में बुराड़ी में मछलियां मृत अवस्था में पाई गई हैं.

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Toxic Yamuna: यमुना में तड़प-तड़पकर मर रही जल की रानी, लोगों की गुहार-इन्हें बचा लो सरकार
Vipul Chaturvedi|Updated: Dec 31, 2024, 06:00 AM IST
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Delhi Yamuna: दिल्ली चुनाव आते ही यमुना में प्रदूषण का मुद्दा एक बार फिर उबाल मारने लगा है. इसे लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है. सियासत की इस बयार में संवेदना दम तोड़ती दिख रही है. दिल्ली में बुराड़ी में मछलियां मृत अवस्था में पाई गई हैं. यमुना में जल की रानी तड़प-तड़पकर मर रही हैं. क्या दिल्ली की यमुना में प्रदूषण का स्तर हद से पार चला गया है, क्या यमुना नदी में ऑक्सीजन खत्म हो रही है. अचानक जलजीवों पर संकट के बादल क्यों छा गए हैं, ये सवाल स्थानीय लोगों और मछलियों को दाना डालने आ रहे लोगों के मन में उठ रहे हैं. 

बुराड़ी के जगतपुर शनि श्याम घाट पर सोमवार सुबह जब लोग यमुना किनारे घूमने के लिए पहुंचे तो उन्होंने यमुना नदी में काफी संख्या में मछलियों को मरा पाया. मछलियों का एक बड़ा झुंड यमुना नदी के किनारे पहुंच गया. मछलियां पानी में तड़पती और फिर दम तोड़ती दिखीं. मछलियों को देखकर ऐसा महसूस हो रहा था जैसे वो सांस नहीं ले पा रही हैं और जान बचाने के लिए नदी किनारे आ गईं.

यमुना किनारे मौजूद लोगों ने बताया कि पिछले एक सफ्ताह में पानी के हालात बदले हैं. यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से मछलियों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि यमुना नदी में हरियाणा के आठ नंबर ड्रेन से इंडस्ट्रीज एरिया का केमिकल वाला पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे काफी संख्या  में मछलियां यमुना नदी में मर रही हैं. विशेषज्ञों की मानें तो इन दिनों बरसात मे खासतौर पर ज्यादातर यमुना नदी में ऑक्सीजन लेवल कम होता है और पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने से मछलियां मर रही हैं. लोगों का कहना है कि दिल्ली सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को जल्द से जल्द इस पर संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि मछलियां भी पर्यावरण का ही हिस्सा हैं. 

कितना होना चाहिए अमोनिया का स्तर 
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक यमुना में अमोनिया का स्तर 0.5 पीपीएम से ज्यादा नहीं होना चाहिए.  इसे ज्यादा मात्रा होने पर पानी में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है. परिणाम स्वरूप पानी मछलियों और जलीय जीवों के लिए जहर बन जाता है. 

इनपुट: नसीम अहमद 

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