Delhi News: दिल्ली पुलिस ने 2 बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है, जो चोरी के मोबाइल फोन से UPI के जरिए पैसे उड़ाते थे. ये गैंग कमजोर पासवर्ड का फायदा उठाते थे, जिससे वे चोरी किए गए फोन का डाटा एक्सेस करके आसानी से पैसे ट्रांसफर कर लेते थे. पिछले 1 साल में ये गैंग 12 हजार से ज्यादा मोबाइल फोन चोरी कर चुके हैं और करीब 12 लाख रुपये की रकम कमाई है.
दो चोरी के मामले एक जैसे
16 जनवरी को चांदनी चौक में एक बिजनेसमैन का फोन चोरी हुआ था. उसके बाद उसके अकाउंट से 5.3 लाख रुपये गायब हो गए. बिजनेसमैन ने इसकी शिकायत पुलिस में की थी. इसी तरह का एक और मामला गुलाबी बाग में सामने आया, जिसमें 1 व्यक्ति के 2.5 लाख रुपये चोरी हो गए थे. दोनों मामलों में चोरी की एक जैसी कार्यप्रणाली थी. डीसीपी नॉर्थ, राजा बंठिया ने इस मामले में एक टीम बनाई, जिसमें इंस्पेक्टर रोहित सारस्वत और सब-इंस्पेक्टर प्रशांत शामिल थे. पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि बिजनेसमैन के UPI ID से मोबाइल रिचार्ज हुआ था, जिससे उन्हें पहला अहम सुराग मिला.
मोबाइल रिचार्ज से मिली जानकारी
पुलिस की जांच में यह सामने आया कि मोबाइल रिचार्ज हिंदू राव इलाके के 1 व्यक्ति ने करवाया था, जिसे बाद में पकड़ा गया. आरोपी विशाल ने बताया कि चोरी के फोन मुंगेर के रास्ते नेपाल भेजे जाते थे. वह जेबकतरों और स्नैचरों से फोन चुराता था. फिर सरल पासवर्ड जैसे '123456' के जरिए UPI को खोलकर पैसे दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था. विशाल ने यह भी बताया कि वह एक बैन ऐप का इस्तेमाल करता था, जो बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए था. पैसे निकालने के लिए. पुलिस के अनुसार, वह सिम कार्ड डालने के बाद पहले 6 या आखिरी 6 अंक या फिर साधारण पासवर्ड का उपयोग करके UPI को खोलने की कोशिश करता था.
कमजोर पासवर्ड से चुराई गई जानकारी
पुलिस ने कहा कि कई फोन में कमजोर पासवर्ड थे, जिनसे चोर जरूरी जानकारी निकालने में सफल हो जाते थ. उदाहरण के तौर पर कई यूजर्स ने अपने UPI पासवर्ड में अपना जन्मदिन सेट किया था. फोन में सेव ID कार्ड से यह जानकारी चुराना आसान था. पुलिस ने 3 आरोपी से कुल 171 चोरी किए गए फोन बरामद किए हैं.
बच्चों को दी जाती थी फोन चोरी की ट्रेनिंग
दूसरे मामले में, एक डॉक्टर के पैसे चोरी हुए थे. पुलिस को पता चला कि डॉक्टर के फोन का सिम कार्ड दूसरे फोन में डाला गया था. लोकेशन ट्रैक करने के बाद पुलिस ने ज्योति नगर में छापा मारा और आरोपी महतो को पकड़ा, लेकिन दूसरा आरोपी भागने में सफल हो गया. पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि इस गैंग में बच्चों को भी शामिल किया गया था, जिन्हें फोन चोरी करने की ट्रेनिंग दी जाती थी. ये बच्चे साहिबगंज से लाए जाते थे और फिर उन्हें फोन चुराने की ट्रेनिंग दी जाती थी. इस मामले में पुलिस को 100 से अधिक चोरी किए गए फोन मिले.
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सुरक्षा के लिए रखें मजबूत पासवर्ड
इस घटना से यह साफ होता है कि कमजोर पासवर्ड कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अपने फोन और पैसे की सुरक्षा के लिए हमेशा मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें. इसके अलावा, UPI पिन को नियमित रूप से बदलते रहें और फोन में व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित तरीके से रखें.