Parvesh Verma: दिल्ली के यातायात और प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने दो बड़ी योजनाओं का ऐलान किया है. जहां एक ओर पुस्ता सोनिया विहार में 6 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर वायु प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) की योजना पर काम किया जा रहा है. इन दोनों परियोजनाओं को लेकर सरकार ने उच्चस्तरीय बैठकें की हैं और जल्द ही इन पर अमल शुरू किया जाएगा.
मुख्यमंत्री @gupta_rekha जी के नेतृत्व में हमारी दिल्ली सरकार बहुत तेजी से काम कर रही है
जमना पार, करावल नगर, सोनिया विहार के लाखों लोगों को अब जाम से निजात मिलेगी
PWD मंत्री @p_sahibsingh जी ने सोनिया विहार पुश्ता रोड को डबल, एलिवेटिड करने की मंजूरी दी है
नानकसर गुरुद्वारा से… pic.twitter.com/EdlLK02WEm
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 4, 2025
यातायात समस्या से मिलेगी निजात
दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने घोषणा की है कि नानकसर गुरुद्वारा से शनि मंदिर (यूपी बॉर्डर) तक 6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा. इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में यातायात सुगम होगा, जाम की समस्या कम होगी और लोगों को राहत मिलेगी. मंत्री ने कहा कि यह सड़क न केवल आसपास के लोगों की आवाजाही को आसान बनाएगी बल्कि दिल्ली के यातायात प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. एलिवेटेड रोड के निर्माण से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं और जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा. सरकार का मानना है कि यह परियोजना न केवल सड़क परिवहन में सुधार करेगी बल्कि विकास कार्यों को भी गति देगी.
कृत्रिम बारिश से कम होगा वायु प्रदूषण
दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है और इसे कम करने के लिए सरकार कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) कराने की योजना बना रही है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें आईआईटी कानपुर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि क्लाउड सीडिंग तकनीक से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है. आईआईटी कानपुर की टीम ने बताया कि उन्होंने पहले भी क्लाउड सीडिंग में सफलता हासिल की है और इस तकनीक के सात में से छह प्रयोग सफल रहे हैं. बैठक में इस योजना को लागू करने के लिए आवश्यक नियमों और अनुमतियों पर चर्चा की गई.
सरकार की रणनीति और निगरानी व्यवस्था
पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा कि सरकार वायु प्रदूषण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है. दिल्ली में स्मॉग टावर, रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग और पराली प्रबंधन के लिए बायो डीकंपोजर जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाया जा रहा है. इसके अलावा निर्माण स्थलों से होने वाले डस्ट पॉल्यूशन की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है, जिससे नियमों के उल्लंघन पर तुरंत पेनल्टी और चालान जारी किए जा सकेंगे. सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि 500 वर्ग गज से बड़े सभी निर्माण स्थलों को डीपीसीसी का क्लीयरेंस स्टेटस स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना होगा. साथ ही, पीटीजेड कैमरों और सेंसर की मदद से प्रदूषण स्तर की निगरानी की जाएगी. साथ ही दिल्ली सरकार यातायात और प्रदूषण की समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने के लिए लगातार नई तकनीकों को अपना रही है. एलिवेटेड रोड और कृत्रिम बारिश की योजना दोनों ही दिल्ली के लोगों के लिए राहत लेकर आएंगी. आने वाले दिनों में सरकार इन योजनाओं को तेजी से लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रही है.
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