Digvijay Singh After Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाए. शुक्रवार को उन्होंने कहा कि ईवीएम की मौजूदा व्यवस्था के कारण मतदाता के रूप में उनका संवैधानिक अधिकार छिन चुका है. उन्होंने यह दावा भी किया कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तरह हरियाणा में भी डाक मतपत्रों की गिनती में कांग्रेस अधिकांश सीटों पर विजयी रही थी, लेकिन ईवीएम व्यवस्था से उसे हार का सामना करना पड़ा.
इंदौर में पत्रकारों से बात करते हुए सांसद ने कहा, मैं एक वोटर हूं और मेरा संवैधानिक अधिकार है कि मैं जिसे चाहूं, वोट उसी उम्मीदवार के खाते में जाए. मैं अपने हाथ से मतपत्र को मतपेटी में डालूं और इस तरह डाले गए मतों की 100% गिनती हो. यह मेरा संवैधानिक अधिकार है जो ईवीएम की मौजूदा व्यवस्था से छिन चुका है.
जीता हुआ चुनाव हारी कांग्रेस
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान डाक मतपत्रों की गिनती में 230 में से 199 सीट पर कांग्रेस जीत रही थी, जबकि ईवीएम में पड़े वोट की गिनती में पार्टी केवल 66 सीट हासिल कर सकी. इसी तरह हरियाणा विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्रों की गिनती में 90 में से 76 सीट पर कांग्रेस जीत रही थी, जबकि ईवीएम में पड़े वोटों की गिनती में पार्टी 37 सीट पर रह गई.
वन नेशन वन इलेक्शन संभव नहीं
कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश के मुस्लिम समुदाय की आबादी को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा, देश में हिंदुओं के मुकाबले मुसलमानों की जनसंख्या में ज्यादा तेजी से गिरावट आ रही है.दिग्विजय ने देश में जाति के आधार पर जनगणना और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण किए जाने की वकालत की. उन्होंने कहा कि इन कदमों से विभिन्न जाति-उपजातियों के सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन की सही जानकारी मिल सकेगी और इसकी मदद से विकास की योजनाएं बनाई जा सकेंगी। कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि भारत की संसदीय राजनीति में ‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा को अमलीजामा पहनाया जाना संभव नहीं है.