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Union Budget: रोजगार से लेकर शहरी विकास मोदी सरकार ने तय की ये 9 प्राथमिकताएं

सरकार द्वारा कृषि, रोजगार और कौशल में उत्पादकता और समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवा, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, नवाचार, अनुसंधान और विकास और अगली पीढ़ी के सुधार. आने वाले बजट इन पर आधारित होंगे और अधिक प्राथमिकताएं और कार्य जोड़े जाएंगे.

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Union Budget: रोजगार से लेकर शहरी विकास मोदी सरकार ने तय की ये 9 प्राथमिकताएं
Deepak Yadav|Updated: Jul 23, 2024, 01:03 PM IST
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Union Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024-25 में पर्याप्त अवसर पैदा करने के लिए नौ प्राथमिकताओं की पहचान की गई है. लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले बजट इन प्राथमिकताओं पर आधारित होंगे. प्राथमिकताओं में कृषि, रोजगार और कौशल तथा विनिर्माण और सेवाओं में उत्पादकता शामिल हैं. 

उन्होंने कहा कि इस बजट में सभी के लिए पर्याप्त अवसर पैदा करने के लिए निम्नलिखित नौ प्राथमिकताओं पर निरंतर प्रयास किए जाने की परिकल्पना की गई है कृषि, रोजगार और कौशल में उत्पादकता और समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवा, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, नवाचार, अनुसंधान और विकास और अगली पीढ़ी के सुधार. आने वाले बजट इन पर आधारित होंगे और अधिक प्राथमिकताएं और कार्य जोड़े जाएंगे.

इन चार क्षेत्रों पर सरकार का फोकस 
इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में चार प्रमुख क्षेत्रों गरीब, महिला, युवा, किसान पर सरकार का फोकस उजागर हुआ है. हमें गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर ध्यान देने की जरूरत है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए. अन्नदाता के लिए, सरकार ने सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की.

शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये कराए जाएंगे उपलब्ध 
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बजट में शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि दलहन और तिलहन में उत्पादन बढ़ाने और आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक रणनीति बनाई जा रही है. मंत्री ने कहा कि अगले दो वर्षों में देश भर में एक करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग द्वारा समर्थित प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये. पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारतीय डाक भुगतान बैंक की 100 से अधिक शाखाएं स्थापित की जाएंगी.

 

 

 

 

 

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