Faridabad news: पाकिस्तानी हिंदू महिला ने सिविल अस्पताल में जुड़वां बच्चों, एक बेटे और एक बेटी, को जन्म दिया है. मां का कहना है कि वह अपने बच्चे के भविष्य के लिए यहीं रहना चाहती है. बताया जा रहा है कि यह महिला अपने पति और 5 बच्चों के साथ कुछ महीने पहले टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान से भारत आई थी. अब वह और उसका परिवार पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहता है. फिलहाल, महिला और उसके दोनों नवजात बच्चे स्वस्थ हैं और उन्हें फरीदाबाद के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भारत ही रहना चाहती है मां
अस्पताल में मौजूद महिला दुर्गा के अनुसार, वह चार-पांच महीने पहले अपने पति और पहले से मौजूद दो बेटियों के साथ पाकिस्तान से भारत आई थी. अब भारत में उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है. दुर्गा ने बताया कि पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के चलते वह टूरिस्ट वीजा पर भारत आई और यहां उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो रही है. भारत में हिंदुओं पर कोई अत्याचार नहीं होते, इसलिए वह अपने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए यहीं रहना चाहती है. दुर्गा का यह भी कहना है कि चूंकि उसके दो बच्चे भारत में जन्मे हैं, इसलिए उन्हें भारतीय नागरिकता मिलनी चाहिए.
जब दुर्गा से पूछा गया कि भारत सरकार ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की थी, तब उसने कहा कि वे पाकिस्तान नहीं जाना चाहते, इसलिए वापस नहीं गए. हालांकि, दुर्गा ने पाकिस्तान में हो रहे अत्याचारों पर खुलकर कुछ नहीं कहा, क्योंकि उसके माता-पिता और सास-ससुर अभी पाकिस्तान में हैं. दुर्गा का मानना है कि अगर वह खुलासा करेगी, तो उसके परिवार को खतरा हो सकता है.
पति का बयान और बयानों में विरोधाभास
दुर्गा के पति पुरुषोत्तम ने बताया कि उनकी पहले से पांच बेटियां हैं, जबकि दुर्गा ने कहा था कि उनकी दो बेटियां थीं. पुरुषोत्तम के मुताबिक, वे करीब सात-आठ महीने पहले अपने बच्चों के साथ टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे और अब उनकी पत्नी ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है एक बेटा और एक बेटी है. इस हिसाब से अब उनके कुल सात बच्चे हो गए है.
पुरुषोत्तम ने बताया कि वे फरीदाबाद और दिल्ली से सटे भाटी माइंस इलाके में अपने परिवार के साथ रहते हैं. पुरुषोत्तम ने कहा कि वहां और भी कई पाकिस्तानी परिवार रह रहे हैं जो वर्षों से भारत में बसे हुए हैं. कोई भी पाकिस्तानी परिवार अब पाकिस्तान लौटना नहीं चाहता क्योंकि भारत में जो सुविधाएं मिल रही हैं, वे पाकिस्तान में नहीं मिलतीं उल्टे पाकिस्तान में उन्हें अत्याचार झेलने पड़ते हैं.
पुरुषोत्तम के अनुसार वे जाति से पंडित हैं और यहां मेहनत-मजदूरी के साथ-साथ पूजा-पाठ कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. उन्होंने भारत सरकार से गुजारिश की है कि उन्हें भारत में रहने की अनुमति दी जाए.
वीजा की स्थिति और भाटी माइंस की स्थिति
दुर्गा के वीजा पर भारत में प्रवेश की तारीख 23 दिसंबर 2024 अंकित है और वीजा की वैधता 20 जून 2025 तक थी. यानी उनका वीजा अब समाप्त हो चुका है, फिर भी वह भारत में रह रही हैं और अब तक भारत सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है.
दुर्गा की बुआ-सास वजीरा ने बताया कि वह करीब 50 साल पहले पाकिस्तान से भारत आई थीं और भाटी माइंस इलाके में रह रही हैं. उन्होंने दावा किया कि उन्हें भारत सरकार से पेंशन और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं. उन्होंने खुद को भारतीय नागरिक बताया और कहा कि वहां लगभग 10,000 पाकिस्तानी लोग रह रहे हैं, जो सभी भारत की सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं.
ये भी पढें- Haryana News: बहादुरगढ़ के एसीपी प्रदीप कुमार ने वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में जीत
Input- Amit Chaudhary