Faridabad: नगर निगम द्वारा करवाए गए प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में हुई गलतियों से शहरवासी परेशान हैं. कई लोगों की प्रॉपर्टी आईडी गलत बनी हैं, जिससे उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स भरने में दिक्कत हो रही है. ये गड़बड़ियां इतनी ज्यादा हैं कि निगमकर्मियों को अब रात-रातभर पार्कों में कैंप लगाकर आईडी सुधारने पड़ रहे हैं. आईडी दुरुस्त करने के साथ-साथ उनका सत्यापन भी जरूरी है, क्योंकि बिना सत्यापन के टैक्स जमा नहीं हो सकता. इन गलतियों का असर सिर्फ आम जनता पर नहीं बल्कि नगर निगम के राजस्व पर भी पड़ा है. लोग टैक्स नहीं भर पा रहे हैं, जिससे निगम का सालाना टैक्स टारगेट भी पीछे छूट रहा है. नगर निगम ने वर्ष 2024-25 में 85 करोड़ रुपये टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा था, लेकिन अभी तक सिर्फ 45 करोड़ रुपये ही वसूले जा सके हैं.
फरीदाबाद में कुल 7.30 लाख प्रॉपर्टी आईडी हैं. इनमें से अब तक सिर्फ 1.84 लाख आईडी ही दुरुस्त और सत्यापित की जा सकी हैं. 4.68 लाख रिहायशी प्रॉपर्टी में से सिर्फ 1.32 लाख सत्यापित हो पाईं, वहीं 49 हजार वाणिज्यिक प्रॉपर्टी में से मात्र 14 हजार का सत्यापन हो सका है. 17 हजार इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी में से 6400 और 4297 संस्थागत संपत्तियों में से सिर्फ 1309 ही सत्यापित हो पाई हैं. नगर निगम के आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा के अनुसार प्रॉपर्टी आईडी की गड़बड़ियों को ठीक करने का दबाव निगमकर्मियों पर काफी ज्यादा है. स्टाफ की कमी के कारण परेशानी और बढ़ गई है. पहले योजना थी कि आईटीआई के छात्रों की मदद से डाटा एंट्री करवाई जाएगी, लेकिन तकनीकी कारणों से ये योजना सफल नहीं हो सकी. अब निगम ने प्रदेश सरकार से 120 डाटा एंट्री ऑपरेटर की भर्ती की मांग की है.
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल खुद इस प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए हैं. धीमी प्रगति के चलते एक ZTO को शहर से बाहर भेज दिया गया और पांच क्लर्कों के साथ एक ZTO का वेतन भी काटा गया है. नगर निगम को उम्मीद है कि अगर डाटा एंट्री ऑपरेटर मिल गए तो आईडी सत्यापन का काम तेज होगा और टैक्स वसूली में सुधार आएगा. फिलहाल, निगमकर्मी दिन-रात जुटे हुए हैं ताकि जल्द से जल्द सभी प्रॉपर्टी आईडी दुरुस्त की जा सकें.
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