Chandigarh News: केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत में किसानों के मुद्दों को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई. किसान नेताओं ने 3 घंटे लंबी बैठक के दौरान सरकार के सामने कई महत्वपूर्ण बिंदु रखे, जिनमें मुख्य रूप से Minimum Support Price (MSP) पर फसलों की खरीद सुनिश्चित करने की बात की गई. इस बैठक में किसानों के लिए MSP कानून की आवश्यकता पर जोर दिया गया. साथ ही बताया गया कि अगर सरकार की नीयत साफ हो, तो इस कानून को लागू करना संभव है. किसान नेताओं का कहना है कि इस कानून के लिए 20-25 हजार करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं, लेकिन इसके बाद किसानों को उनका उचित हक मिलेगा.
MSP कानून लागू होने से सरकार पर नहीं पड़ेगा बोझ
केंद्र सरकार ने बैठक में किसानों से डिटेल्ड डाटा मांगा है ताकि इस विषय पर आगे की चर्चा हो सके. किसान नेताओं ने आश्वासन दिया कि जो डाटा सरकार प्रदान करेगी. वह उनके एक्सपर्ट्स द्वारा देखा जाएगा और अगली बैठक 19 मार्च को होगी. किसान नेता पंढेर ने कहा कि उनके आंदोलन को अब तक 374 दिन हो चुके हैं और यह बातचीत का छठा दौर था. पंधेर ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी योजनाओं की जानकारी दी, लेकिन उन्होंने फिर से यह कहा कि किसानों के दर्द को समझते हुए MSP कानून की आवश्यकता है, ताकि किसानों को उनका हक मिल सके. उन्होंने यह भी बताया कि अगर MSP कानून लागू होता है, तो इससे सरकार पर कोई भारी बोझ नहीं पड़ेगा.
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इस बीच, सरवण सिंह पंढ़ेर ने यह साफ किया कि जो डाटा सरकार की तरफ से दिया जाएगा, वह किसानों के सामने रखा जाएगा. उन्होंने पंजाब सरकार से भी आग्रह किया कि वह इस मुद्दे पर अपना स्पष्ट रुख बताए. इसके अलावा, उन्होंने शहीद शुभकरण को शहीद का दर्जा देने की भी मांग की. किसान नेताओं ने बैठक में सड़कें बंद होने के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि बातचीत जारी रहनी चाहिए, लेकिन रास्तों को खोला जाए, क्योंकि इस बंदी से आम लोगों को नुकसान हो रहा है. अब किसानों का अगला कदम दिल्ली कूच की ओर बढ़ रहा है. 25 फरवरी को दिल्ली कूच के लिए अंतिम फैसला लिया जाएगा, जो कल होने वाली बैठक में तय किया जाएगा. किसान नेताओं का कहना है कि MSP कानून के लिए संघर्ष जारी रहेगा और इस मुद्दे पर किसानों को उनका हक मिलने तक आंदोलन चलता रहेगा.
Input- VIJAY RANA