Amritpal Case: 'वारिस पंजाब दे' संस्था का प्रमुख खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह 18 मार्च से भगोड़ा है. सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि वह लगातार अपने ठिकाना बदल रहा है. वहीं वह पाकिस्तान भागने की फिराक में है. हालांकि, उसकी लास्ट लोकेशन उत्तराखंड के रुद्रपुर इलाके में और फिर उत्तर प्रदेश के पीलीभीत इलाके में मिली थी. इसीलिए वहां भी सर्च अभियान चल रहा है.
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150 बस स्टैंडों पर चेकिंग अभियान
इसके साथ पंजाब में भी पुलिस ने अमृतपाल और उसके साथी पप्पलप्रीत सिंह की तलाश में अभियान चलाय जा रहा है. कार सेवा वाले डेरों के अलावा यहां अन्य धार्मिक स्थानों पर भी तलाश चल रही है, लेकिन इसी बीच सूत्रों के हवाले से यह खबर आई है कि सीमावर्ती इलाकों में भी भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, क्योंकि अमृतपाल पुलिस और जांच एजेंसियों को चकमा दे कर पाकिस्तान भागने की तैयारी कर रहा है. अमृतपाल इसलिए लगातार बस स्टैंडों पर तलाशी अभियान जारी रहेगी. अमृतपाल सिंह की तलाश में मंगलवार देर रात को पुलिस ने के घंटों तक राज्य के करीब 150 बस स्टैंडों पर चेकिंग अभियान चलाया और चेकिंग के दौरान दो हजार से ज्यादा लोगों की तलाशी भी ली गई. एक बड़े आधिकारिक सूत्र ने बताया कि यह तलाशी अभियान पूरे राज्य में और खासकर सरहदी इलाकों में भगोड़े अमृतपाल को पकड़ने के लिए लगातार जारी रहेंगे.
यहां बढ़ाई नाकेबंदी
आपको बतां दे कि इसको देखते हुए पुलिस ने अमृतसर, तरनतारन, पठानकोट व गुरदासपुर जिले के सीमांत इलाकों के गांवों में भी पुलिस ने नाकाबंदी मजबूत कर दी है. तरनतारन व इसके आसपास के इलाकों में बड़े स्तर पर पुलिस की ओर से अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर यहां नाकेबंदी की जा रही है. वाहनों की चेकिंग भी निरंतर जारी रहेगी. अलग-अलग रास्तों पर नाकों के दौरान दोपहिया व चार पहिया वाहनों की भी जांच की जा रही है, जो कि आगे भी लगातार जारी रहेगी.
गुप्तचर विभाग से मिली सूचना
आपकी जानकारी के लिए यह बात हम बता दें कि इस तरह की चेकिंग के चलते अमृतपाल और उसके साथी की तलाश और उसे पकड़ने के लिए अटारी, अजनाला, रमदास, बाबा बकाला, खेमकरन, पट्टी, भिखीविंड, खासा आदि इलाकों में भी पुलिस ने नाकाबंदी को मजबूत कर दी है. इस अभियान में बीएसएफ और आरएएफ की भी सहायता ली जा रही है. सीमांत इलाकों में तैनात पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुलिस को गुप्तचर विभाग से सूचना मिली थी कि आईएसआई (ISI) कि मदद से और देश में छुपे खालिस्तानियों के स्लीपर सेल्स की मदद से अमृतपाल पाकिस्तान भाग सकता है. वह किसी सीमांत गांव में किसी ठिकाने पर भी कुछ दिनों के लिए छिपकर बैठ सकता है और समय व मौका मिलते ही बार्डर पार कर सकता है.
इसको लेकर ही सीमावर्ती इलाकों में अमृतपाल सिंह की तलाश में मंगलवार देर रात्रि से तलाशी अभियान शुरू किया गया है, जिसमें 5000 से अधिक मुलाजिम शामिल हैं. साथ ही पुलिस की तरफ से यह अभियान राज्य के सभी जिलों में एसएसपी व एसपी की अगुवाई में शुरू किया गया है. फोर्स के सभी अधिकारियों की यह कोशिश है कि समाज विरोधी तत्वों पर शिकंजा कसना जरूरी है, जो कि भोगड़े अमृतपाल और उसके साथी की मदद कर रहे हैं.