trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana02619673
Home >>Delhi-NCR-Haryana

Ghaziabad News: सास-बहू के रिश्ते की अनोखी मिसाल, बुजुर्ग सास ने बहू को अपनी किडनी देकर बचाई जान

सास-बहू के रिश्ते को लेकर अक्सर कहा जाता है कि इनमें नोकझोंक-तनातनी बनी रहती है, लेकिन गाजियाबाद के एक अस्पताल में एक ऐसा वाकया सामने आया जो आपकी सोच को बदल देगा.

Advertisement
Ghaziabad News: सास-बहू के रिश्ते की अनोखी मिसाल, बुजुर्ग सास ने बहू को अपनी किडनी देकर बचाई जान
Zee Media Bureau|Updated: Jan 27, 2025, 07:58 PM IST
Share

Ghaziabad News: सास-बहू के रिश्ते को लेकर अक्सर कहा जाता है कि इनमें नोकझोंक-तनातनी बनी रहती है, लेकिन गाजियाबाद के एक अस्पताल में एक ऐसा वाकया सामने आया जो आपकी सोच को बदल देगा. मेरठ की 60 वर्षीय पुष्पा देवी ने अपनी 32 वर्षीय बहू रीना को किडनी दान कर यह साबित कर दिया कि यह रिश्ता सिर्फ तकरार का नहीं, बल्कि त्याग और स्नेह का है. 

दरअसल, घर की जिम्मेदारियों में बहु रीना खुद को भूल गई. मेरठ के वालिदपुर गांव की रहने वाली रीना दो बच्चों की मां हैं और मई 2024 से वह एंड स्टेज किडनी डिजीज (ESRD) से जूझ रही थीं और डायलिसिस पर थीं. रीना की व्यस्त दिनचर्या और परिवार की जिम्मेदारियों के कारण उनकी बीमारी का पता देरी से चला. रीना ने अस्पताल में डॉक्टर से इस विषय में बात की  तो डॉक्टर्स ने किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपाय बताया तो परिवार में कोई भी डोनर मैच नहीं हुआ. माता-पिता अयोग्य थे, पति और भाई का ब्लड ग्रुप भी नहीं मिला. 

इसके अलावा, रीना को पहले कई बार रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) हो चुका था और उन्हें हेपेटाइटिस सी भी था, जिससे ट्रांसप्लांट की जटिलताएं और बढ़ गई. जब रीना के लिए कोई उपाय नहीं बचा तो उनकी सास पुष्पा देवी आगे आईं और अपनी किडनी दान करने का फैसला किया. यह निर्णय लेना उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन बहू को बचाने के लिए उन्होंने अपनी सेहत की परवाह किए बिना यह बड़ा कदम उठाया. 

ये भी पढ़ें: Ayushman Bharat Yojana: हरियाणा के 600 अस्पतालों में अब आयुष्मान योजना के तहत नहीं होगा फ्री इलाज, जानें वजह

 

यूरोलॉजिस्ट और सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर वैभव सक्सेना का कहना है कि रीना का केस काफी जटिल था, लेकिन उनकी सास के निस्वार्थ प्रेम और मेडिकल टीम की मेहनत से यह ट्रांसप्लांट सफल हो सका. अब सास और बहू दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं. बहु रीना ने भी सास के उसे किडनी डोनेट करने के कदम के आभार जताया. 

बता दें कि, भारत में हर साल करीब 2,20,000 मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, लेकिन सिर्फ 7,500 ट्रांसप्लांट ही हो पाते हैं. महिलाओं के लिए यह चुनौती और भी बड़ी होती है, क्योंकि 70% डोनर महिलाएं होती हैं, जबकि ज्यादातर किडनी पाने वाले पुरुष होते हैं. ऐसे में पुष्पा देवी का यह कदम समाज के लिए एक प्रेरणा है कि जरूरत पड़ने पर महिलाएं भी प्राथमिकता पा सकती हैं और उनका स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है. 

Input: Piyush Gaur

Read More
{}{}