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Ghaziabad News: एंटी करप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई, 5 लाख की रिश्वत मांगने वाला लेखपाल रंगे हाथों गिरफ्तार

Anti Corruption Team: गाजियाबाद के तहसील में तैनात लेखपाल सरित कुमार को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया है. यह कार्रवाई भोजपुर थाना क्षेत्र के गांव त्योड़ी निवासी परवेश की शिकायत पर की गई. इसने जमीन की रिपोर्ट तैयार करते वक्त  अनुसूचित जाति की भूमि घोषित कर दिया

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Ghaziabad News: एंटी करप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई, 5 लाख की रिश्वत मांगने वाला लेखपाल रंगे हाथों गिरफ्तार
Zee Media Bureau|Updated: May 22, 2025, 08:20 PM IST
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Ghaziabad News: गाजियाबाद के मोदीनगर तहसील में तैनात लेखपाल सरित कुमार को एंटी करप्शन टीम ने गुरुवार को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया है. यह कार्रवाई भोजपुर थाना क्षेत्र के गांव त्योड़ी निवासी परवेश की शिकायत पर की गई, जिसने आरोप लगाया कि लेखपाल ने जानबूझकर जमीन के मामले में फर्जी रिपोर्ट तैयार की थी.

5 लोख की मागी थी रिश्वत
पीड़ित परवेश के अनुसार, उसने वर्ष 2007 में लोक नीलामी के माध्यम से 13 बिस्वा जमीन खरीदी थी, जिसका दाखिल-खारिज 2008 में विधिवत रूप से अनुमोदित भी हो चुका था, लेकिन हाल ही में लेखपाल सरित कुमार ने एक नई जांच रिपोर्ट तैयार करते हुए जमीन को अनुसूचित जाति की भूमि घोषित कर दिया. इस आधार पर फर्जी विवाद खड़ा किया गया और मामला न्यायिक तहसीलदार की अदालत में लंबित करा दिया गया. परवेश ने आरोप लगाया कि इस रिपोर्ट को सही करने और दाखिल-खारिज की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए लेखपाल ने उससे 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी.

की ठोस कार्रवाई
जब परवेश की शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो उसने एंटी करप्शन टीम से संपर्क साधा. इसके बाद एक योजना बनाकर परवेश को 1 लाख रुपये की पहली किस्त के साथ लेखपाल से मिलने भेजा गया. जैसे ही सरित कुमार ने पैसे लिए, टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. उसके साथ मौजूद एक दूसरा व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया है. इस कार्रवाई के बाद मोदीनगर तहसील परिसर में हड़कंप मच गया. आरोपी लेखपाल और उसके सहयोगी से पुलिस द्वारा पूछताछ की जारी है.  एंटी करप्शन टीम ने बरामद की गई रिश्वत की रकम को सबूत के तौर पर जब्त कर लिया है.

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प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल
परवेश ने कहा कि मुझे जानबूझकर परेशान किया गया है. गलत रिपोर्ट लगाकर मामले को उलझाया गया ताकि रिश्वत ली जा सके. जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तब मैंने एंटी करप्शन टीम से मदद ली. फिलहाल पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक टीम आरोपी से आगे की पूछताछ कर रही है. जल्द ही मामले से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जाएगी. इस मामले ने प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और संबंधित विभागों में पारदर्शिता की मांग फिर से उठने लगी है.

Input- Piyush Gaur

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