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Ghaziabad News: यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से गाजियाबाद के 32 गांवों में अलर्ट

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से गाजियाबाद और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. हाल ही में जिला प्रशासन ने गाजियाबाद के 32 गांवों को इस खतरे के प्रति अलर्ट कर दिया है.

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Ghaziabad News: यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से गाजियाबाद के 32 गांवों में अलर्ट
Deepak Yadav|Updated: Jul 29, 2025, 11:35 AM IST
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Ghaziabad News: यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से गाजियाबाद और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. हाल ही में जिला प्रशासन ने गाजियाबाद के 32 गांवों को इस खतरे के प्रति अलर्ट कर दिया है. यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में इन क्षेत्रों में बाढ़ के कारण जन-धन की हानि हो चुकी है.

गाजियाबाद में यमुना और हिंडन नदी के किनारे कई गांवों में अवैध निर्माण किए गए हैं. प्रशासन ने इन अवैध निर्माणों को खाली करने की चेतावनी दी है. यह चेतावनी उन लोगों के लिए है जिन्होंने डूब क्षेत्र में पक्के निर्माण कर लिए हैं. यदि इन निर्माणों को समय पर नहीं हटाया गया, तो बाढ़ के समय जनहानि की संभावना बढ़ सकती है. हिंडन नदी, जो गाजियाबाद से होकर गुजरती है, गौतमबुद्धनगर में यमुना में मिल जाती है. पिछले दो सालों में हिंडन नदी में आई बाढ़ ने कई गांवों को प्रभावित किया था. इस बार पहाड़ों पर भारी बारिश की संभावना के चलते बाढ़ का खतरा और भी बढ़ गया है.

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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पहले ही डूब क्षेत्र में अतिक्रमण को हटाने के आदेश जारी किए हैं. सिंचाई विभाग ने इस दिशा में कदम उठाते हुए सभी अवैध निर्माण करने वालों को चेतावनी दी है. विभाग ने कहा है कि डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि को तुरंत हटा लिया जाए. सिंचाई विभाग के अलर्ट के बाद, प्रशासन ने भी चेतावनी जारी की है कि यदि इस क्षेत्र में जन-धन की हानि होती है, तो संबंधित व्यक्ति स्वयं जिम्मेदार होगा. यह चेतावनी उन लोगों के लिए है जो डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण कर रहे हैं. वर्ष 2023 में यमुना का जलस्तर बढ़ने से लोनी क्षेत्र के अलीपुर पुस्ता टूट गया था. इससे लोनी के अलीपुर, नवादा, बदरपुर, मीरपुर और ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र समेत 20 से अधिक कॉलोनियों में पानी भर गया था. इस बाढ़ ने लोगों को बहुत नुकसान पहुंचाया था.

डूब क्षेत्र में पक्के निर्माण होने के कारण स्कूल और व्यावसायिक गतिविधियां भी प्रभावित हुई थीं. लोग डूब क्षेत्र में न केवल आवास बना चुके हैं, बल्कि व्यावसायिक प्रतिष्ठान और स्कूल भी स्थापित कर चुके हैं. एनजीटी ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है और आदेश दिया है कि डूब क्षेत्र में कोई अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा है कि सभी उपजिलाधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि यमुना और हिंडन नदी के तटवर्ती बांध के किनारे बसे गांवों में मुनादी कराकर डूब क्षेत्र से हटने का निर्देश दिया जाएगा। हर प्रकार की गतिविधियों को बंद कराकर क्षेत्र को खाली कराया जाएगा. अधिशासी अभियंता राजकुमार वर्ण ने बताया कि यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में बाढ़ की आशंका है. उन्होंने कहा कि अवैध अतिक्रमण के कारण खतरा बढ़ गया है. यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.

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