Bakrid: गाजियाबाद में बकरीद से पहले लोनी विधायक नंदकिशोर की ईको फ्रेंडली त्योहार मानाने की अपील पर विवाद बढ़ता जा रहा है. मुस्लिम समाज के लोगों ने केक से बना बकरा काटकर त्योहार मनाने की विधायक की अपील पर नाराजगी जताई. उनका कहना है कि हम पारंपरिक रूप में ही बकरा ईद मनाएंगे. साथ ही ये भी कहा कि नंदकिशोर गुर्जर मोहम्मद साहब के बावर्ची नहीं है, जो उन्हें पता हो कि वह लौकी तोरई खाते थे.
4 जून की रात विधायक की विशेष टीम व भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाना अंकुर विहार क्षेत्र स्थित खन्नानगर चौकी के पास तीन गो तस्करों को रंगे हाथ पकड़ने का दावा किया था. नंदकिशोर गुर्जर ने पुलिस को पत्र लिखकर बकरा ईद पर गोकशी किए जाने की साजिश के आरोप लगाए थे. साथ ही 5000 रुपये लेकर गोकशी की कोशिश में पकड़े मुस्लिम व्यक्ति को छोड़ने का आरोप भी चौकी इंचार्ज पर लगाया था. आरोप है कि तीनों राशिद अली गेट से गाय और भैंस को कुर्बानी के लिए ले जा रहे थे. सूचना मिलते ही विधायक ने पुलिस को तत्काल सघन तलाशी अभियान चलाकर सभी प्रतिबंधित पशुओं की बरामदगी सुनिश्चित करने को कहा.
सघन तलाशी अभियान चलाने की मांग
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने लोनी में बकरीद के अवसर पर पीएसी व अतिरिक्त बल तैनात कर सघन तलाशी अभियान चलाने की मांग की है. उन्होंने पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर बकरीद पर लोनी क्षेत्र में एयरक्राफ्ट ऑर्डिनेंस के बावजूद गोवंश और अन्य प्रतिबंधित पशुओं को मारने की साजिश को लेकर चिंता जताई है.
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नंदकिशोर ने कही परंपरा बदलने की बात
नंदकिशोर गुर्जर ने बताया समय के हिसाब से परंपराओं में सुधार होते रहना चाहिए. मोहम्मद साहब ने अपनी बेटे की कुर्बानी दी थी, उसमें परिवर्तन कर जानवर की कुर्बानी दी जाने लगी और अब समय आ गया है कि परंपरा में एक बार फिर बदलाव किया जाए. उन्होंने कहा कि अब केक का बकरा बनाकर उसकी कुर्बानी देनी चाहिए. विधायक ने कहा, मोहम्मद साहब ने जानवर, गाय बकरी आदि के दूध में शिफा बताया था. ऐसे में वह जानवर काटने के विरोधी थे. लौकी तोरई खाते थे. ऐसे में मुस्लिम समाज ने जानवरों की कुर्बानी से परहेज की बात कही है. सफाई करने वाले लोगों ने भी खून और जानवरों की गंदगी उठाने का विरोध किया है. नंदकिशोर गुर्जर ने मोरक्को में कुर्बानी प्रतिबंध करने के राष्ट्रपति के फैसले का स्वागत किया. साथ ही यहां के लोगों से इको फ्रेंडली बकरा ईद मनाने की अपील की.
मुस्लिम समाज बोला-नहीं करेंगे किसी की भावना आहत
जब इस बारे में मुस्लिम समाज के लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा, मोहम्मद साहब ने भी अपनी सबसे अजीज चीज अपने बेटे की कुर्बानी दी थी. आज हमें पैसे से बहुत प्यार होता है और उन्हीं पैसों से बकरा खरीदते है तो वह हमारे लिए अजीज हो जाते हैं और उनकी कुर्बानी देते हैं. उन्होंने सवाल किया- क्या नंदकिशोर गुर्जर मोहम्मद साहब के यहां बावर्ची थे, जो उन्हें उनके शाकाहारी होने का पता है. उन्होंने कहा कि वे परंपरागत रूप से कुर्बानी देते हुए बकरा ईद मनाएंगे. हालांकि इस बात का उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी व्यक्ति, समुदाय या धर्म के लोगों को परेशानी नहीं होगी.
इनपुट: पीयूष गौड़