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Greater Noida Authority: ग्रेटर नोएडा के किसानों के लिए खुशखबरी, 4000 किसानों को मिलेगा आबादी भूखंड

4000 Farmers Will Get Plots: किसानों की पात्रता जांचने के लिए सबसे पहले भूलेख विभाग देखता है कि किसान की कितनी जमीन ली गई है और उसके बदले उसे कितनी जमीन दी जानी चाहिए. इसके बाद यह सूची नियोजन विभाग को भेजी जाती है. जमीन उपलब्ध होने पर किसानों को भूखंड दिया जाता है. आखिर में भूखंड का कब्जा दिलाने का काम परियोजना विभाग करता है.  

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Greater Noida Authority: ग्रेटर नोएडा के किसानों के लिए खुशखबरी, 4000 किसानों को मिलेगा आबादी भूखंड
Greater Noida Authority: ग्रेटर नोएडा के किसानों के लिए खुशखबरी, 4000 किसानों को मिलेगा आबादी भूखंड
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Feb 15, 2025, 01:01 PM IST
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Greater Noida Authority: ग्रेटर नोएडा के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 60 गांवों के 4000 से अधिक किसानों की पात्रता तय कर ली है और जल्द ही उन्हें आबादी भूखंड आवंटित किए जाएंगे. प्राधिकरण के अनुसार इस साल सभी पात्र किसानों को भूखंड देने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

कैसे होगी भूखंड आवंटन प्रक्रिया
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 60 गांवों में कैंप लगाकर किसानों की पात्रता जांची. अब पात्रता सूची तैयार हो चुकी है, जिसे जल्द सार्वजनिक किया जाएगा. सूची प्रकाशित होने के बाद किसानों से आपत्तियां मांगी जाएंगी. प्राप्त आपत्तियों का समाधान करने के बाद अंतिम सूची नियोजन विभाग को भेजी जाएगी. प्राधिकरण के नियम के अनुसार जिन किसानों की जमीन विकास परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई है, उन्हें कुल अधिग्रहित जमीन के 6% के बराबर आबादी भूखंड दिया जाएगा. इस भूखंड का उपयोग किसान घर बनाने के साथ-साथ 50% हिस्से में व्यावसायिक गतिविधियों के लिए भी कर सकते हैं.

जमीन की तलाश जारी
जिन किसानों की पात्रता तय हो चुकी है, उनके लिए जमीन की तलाश शुरू हो गई है. प्राधिकरण की कोशिश है कि किसानों को उनके गांव के पास ही भूखंड दिया जाए. यदि गांव के पास जमीन उपलब्ध नहीं होती है, तो आसपास के गांवों में भूखंड की व्यवस्था की जाएगी. इस काम के लिए भूलेख विभाग के अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं.

क्या है पात्रता प्रक्रिया
किसानों की पात्रता तय करने के लिए सबसे पहले भूलेख विभाग जांच करता है कि कितनी जमीन अधिग्रहित की गई है और उसके बदले किसान को कितने मीटर का भूखंड मिलना चाहिए. इसके बाद सूची नियोजन विभाग को भेजी जाती है. जमीन की उपलब्धता के आधार पर किसानों को भूखंड आवंटित किए जाते हैं. भूखंड का कब्जा दिलाने की जिम्मेदारी परियोजना विभाग की होती है.

अधिकारियों का क्या है कहना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने कहा कि 60 गांवों के किसानों की पात्रता तय करने का काम पूरा हो चुका है. जमीन की तलाश की जा रही है और इस साल सभी पात्र किसानों को भूखंड आवंटित कर दिए जाएंगे.

किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
इस योजना से किसानों को न सिर्फ अपने आवास के लिए जमीन मिलेगी, बल्कि व्यावसायिक उपयोग के लिए भी अवसर मिलेगा. इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और विकास परियोजनाओं में भागीदारी के साथ-साथ उनका भविष्य भी सुरक्षित होगा.

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