Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा पुलिस ने डेढ़ साल की मासूम बच्ची के के अपहरण मामला सुलझाया है. पुलिस ने CCTV फुटेज और खोजबीन के आधार पर बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया है. इस मामले में एक महिला सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, आरोपी महिला और उसके साथी ने बच्चा न होने की वजह से इस अपराध को अंजाम दिया था. पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए कई राज्यों और जिलों में 150 से अधिक ईंट-भट्ठों पर दबिश दी और 150 से अधिक CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली. इस गहन प्रयास के बाद मात्र 5 दिन में पुलिस ने बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया.
बच्ची को चुराने के लिए बनाई थी प्लानिंग
पुलिस के अनुसार, घटना 16 मार्च की है. शिकायतकर्ता ने 18 मार्च को बिसरख थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि 14 G एवन्यू, गौर सिटी में सफाई का काम करने वाली रेनू और दिनेश उनकी डेढ़ साल की बेटी को बिना बताए कहीं ले गए. इस आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस टीम ने आसपास के CCTV फुटेज खंगाले, जिसमें आरोपी महिला रेनू को बच्ची के साथ जाते हुए देखा गया. जांच के दौरान यह भी पता चला कि रेनू और दिनेश पहले ईंट-भट्टों पर काम कर चुके थे. इस जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने कासगंज, अलीगढ़, संत कबीर नगर, गाजियाबाद, राजस्थान और हरियाणा के विभिन्न ईंट-भट्ठों पर छापेमारी की. आखिरकार, सूचना मिली कि हरियाणा के भिवानी जिले में एक महिला और पुरुष एक छोटी बच्ची के साथ देखे गए हैं.
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पुलिस ने आरोपियों को यहां से कि
पुलिस ने 22 मार्च को बिसरख के आम्रपाली रिवर व्यू सोसाइटी से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर बच्ची को अपने पास ले लिया. पूछताछ में रेनू ने बताया कि उसकी उम्र 44 वर्ष है और उसकी शादी 25 साल पहले अलीगढ़ के राजवीर से हुई थी. उसके 4 बच्चे हैं, लेकिन 4 साल पहले उसकी मुलाकात दिनेश से हुई और दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए. इसके बाद रेनू अपने पति और बच्चों को छोड़कर दिनेश के साथ नोएडा आकर रहने लगी. नोएडा में वह सफाईकर्मी के रूप में काम कर रही थी. इसी दौरान उसकी मुलाकात अपहृत बच्ची की मां से हुई. रेनू और दिनेश को संतान नहीं थी, जिससे दुखी होकर दोनों ने 16 मार्च को मौका पाकर बच्ची का अपहरण कर लिया और हरियाणा के ईंट-भट्ठे में जाकर छिप गए. पुलिस से बचने के लिए उन्होंने मोबाइल और सिम कार्ड भी तोड़ दिए थे. DCP सेंट्रल नोएडा ने बच्ची को सुरक्षित बरामद करने वाली पुलिस टीम को 25,000 रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया है.